वहीं, इस मामले पर एमसीजी आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने कहा, ”खाने का अधिकार व्यक्तिगत मसला है, किसी को इस तरह के मुद्दों को नहीं उठाना चाहिए।
आप मंगलवार को मांस की दुकानों को बंद करने में विश्वास कर सकते हैं, मेरी राय में यह एक व्यक्तिगत पसंद है। मैं मांस खाता हूं लेकिन मेरी पत्नी नहीं खाती है मैं उसे मजबूर नहीं करता और वह मुझे मजबूर नहीं करती।”
इसके साथ ही नगर निगम की बैठक में मीट लाइसेंस फीस को 5000 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये किए जाने और अनाधिकृत मीट विक्रेताओं पर लगाए जाने वाली चालान की राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये करने का भी फैसला हुआ। इसके अलावा 3 बार चालान होने पर संबंधित मीट शॉप को सील किया जाएगा।
अगर सील दुकान को कोई खोलता है, तो उसके खिलाफ केस दर्ज करवाया जाएगा। बैठक में हर मंगलवार को मीट की दुकानों को बंद रखने का फैसला लिया गया।
हरियाणा के गुरुग्राममें अब मंगलवार को मीट की दुकाने नहीं खुलेंगी। नगर नगम की सामान्य बैठक में यह फैसला हुआ है। बता दें कि वार्ड नंबर 23 के पार्षद अश्वनी शर्मा ने मीट और चिकन की दुकानें बंद रखने का सुझाव दिया था।
नगर निगम ने उस नियम का हवाला देते हुए मीट की दुकान एक दिन बंद करने के आदेश दिया, जिसमें सप्ताह में एक दिन सबको अपनी दुकान बंद करनी होती है।