श्री कांति भैरब सेकेंड्री स्कूल की प्रिंसिपल तीरथ कोईराला ने बताया के साल 2015 में जब भूकंप आया जो उनके स्कूल का बिल्डिंग पूरी तरह से नष्ट हो गई थी. पूरी बिल्डिंग में क्रैक्स आ गए थे और वॉटर लीकेज की समस्या से भी उन्हें जूझना पड़ा. इसकी वजह से क्लासेज में बहुत मुश्किल आ रही थी.
इसके बाद भारत ने मदद की तो उन्हें बहुत सुविधा मिली. तीरथ कोईराला ने व्हीलचेयर की सहूलियत वाले इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भारत का शुक्रिया अदा किया है. उन्होंने बताया कि नई बिल्डिंग का काम पूरा हो जाने के बाद शिक्षा का स्तर बेहतर हो सकेगा साथ ही संस्थान की माली हालत में भी सुधार आ सकेगा.
इस एमओयू के बाद 518 लाख नेपाली रुपए की कीमत से छह स्कूलों के पुर्ननिर्माण में भारत मदद करेगा. जिन स्कूलों को चुना गया है उसमें से चार स्कूल कांति भैरब सेकेंड्री स्कूल, चंपा देवी सेकेंड्री स्कूल, धापासी सेकेंड्री स्कूल, बिष्नु देवी सेकेंड्री स्कूल, राजधानी काठमांडू जिले में हैं. दो स्कूल सिद्धेश्वर सेकेंड्री सकूल और हरीसिद्धी सेकेंड्री स्कूल कावरे जिले में है.
काठमांडू में इन स्कूलों के पुर्ननिर्माण से जुड़े कार्यक्रम को किया गया. इस दौरान भारतीय दूतावास की उप-प्रमुख खाम्पा मौजूद थीं. उन्होंने कहा कि स्कूलों के पुर्ननिर्माण का कार्यक्रम भारत और नेपाल के बीच साझेदारी के मजबूत होने और इसके आगे बढ़ने का बड़ा सुबूत है.
भारत और नेपाल के बीच गुरुवार को छह सेकेंड्री स्कूलों के लिए एक एमओयू पर साइन हुए हैं. इस एमओयू के तहत भारत अपने इस पड़ोसी देश में स्कूलों का निर्माण कराएगा. काठमांडू में भारतीय दूतावास और नेपाल के सेंट्रल लेवल प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट (एजुकेशन) के बीच साइन हुआ है.
यह यूनिट नेपाल की रिकंस्ट्रक्शन अथॉरिटी (एनआरए) के तहत आती है. भारत और नेपाल के बीच साल 2020 में काफी तनाव रहा है और अब यह एमओयू दोनों देशों के रिश्तों को बेहतरी की तरफ ले जाने वाला साबित हो सकता है.