अब ऐसे कैसे मिलेगी पहाड़ों में स्वास्थ्य सुवधाएं, जानिए सबसे पहले पूरी खबर

उत्तराखंड के पहाड़ों में अब भी स्वास्थ्य सेवाएं खस्ताहाल है। सरकार की लाख कोशिश के बाद भी मैदान से पहाड़ों की ओर डॉक्टर चढ़ने को तैयार नहीं है।

स्थिति यह है कि बीते अगस्त माह में देहरादून से अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के लिए स्थानांनतरण डाक्टरों में सात डॉक्टरों ने डेढ़ माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी तैनाती नहीं ली है। जिससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है, कि जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में हालात क्या होगें।

दरअसल अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के संचालन के लिए सरकार गंभीर है। अक्तूबर माह से कक्षाओं के संचालन की कवायद की जा रही है। हालांकि सितंबर माह पूरा बीत जाने के बाद भी एनएमसी का निरीक्षण नहीं हो सका है। जिससे अब भी नए सत्र में कक्षाओं के संचालन में तलवार लटकी है। एक ओर सरकार और कॉलेज प्रशासन मेडिकल कॉलेज के संचालन की पूरी तैयारी कर रहा है।

वहीं दूसरी ओर बीते अगस्त माह में देहरादून से स्थानांतरित सात डॉक्टरों ने अब तक मेडिकल कॉलेज में तैनाती नहीं ली है। जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब भी डॉक्टर पहाड़ चढ़ने में कतरा रहे है।

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सात डाक्टरों ने तैनाती नहीं है। जिनकी सूचना शासन को भेज दी गई है। बताया कि 25 अगस्त तक डॉक्टरों को तैनाती लेनी थी। लेकिन सितंबर माह बीत जाने के बाद भी अब तक डॉक्टरों ने तैनाती नही ली है।

एनएमसी निरीक्षण के लिए मेडिकल कॉलेज की ओर से तैयारी जारी है। अब तक आंतरिक सड़कों का काम 70 फीसदी तक पुरा कर लिया गया है। हालांकि कई स्थानों में अब भी सड़क नहीं बनी है।

मेडिकल कॉलेज में 48 फैक्लटी बनकर तैयारी हो गई है। जबकि अब भी चार फैक्लटी का काम निर्माणाधीन है। वहीं गर्ल्स छात्रावास और लड़कों के छात्रावास का काम पूरा कर लिया गया है। सीविर ट्रीटमेंट का काम भी पूर्ण कर लिया गया है। लाइब्रेरी भी बनकर पूरी तैयार है। मैनगेट का काम भी 80 फीसदी पूरा कर लिया गया है। इन दिनों गेट के बचे हुए काम को पूरा करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है।