दिल्ली के बाद अब यहाँ मचा हडकंप, सामने आए इतने मुसलमान

दंगों के दौरान 87 लोग गोलियों का शिकार बने थे। इनमें मृतक और घायल शामिल हैं। वहीं 300 के करीब लोग ईंट-पत्थर, लाठी-डंडों, चाकू-तलवार और अन्य धारदार हथियारों से किए गए हमले में जख्मी हुए थे। पुलिस ने मृतकों और घायलों की अस्पतालों द्वारा तैयार मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर यह आंकड़ा जारी किया है।

बताया जा रहा है कि गोकुल पुरी में लाश बरामद होने के बाद से ही इलाके में सनसनी फैली गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और अभी तक शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है।

दिल्ली हिंसा भले ही थम गई हो लेकिन उत्तर-पूर्वी जिले से लाशों के मिलने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। रविवार को गोकुलपुरी इलाके से एक और शव मिला है।

दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में रविवार सुबह नाले से एक शव बरामद हुआ है। पुलिस ने शव को नाले से बाहर निकाल लिया है और मामले की जांच में जुटी है।

पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस शख्स की दिल्ली हिंसा के दौरान ही मौत हुई थी या इसकी मौत किसी दूसरी वजह से हुई है।

दिल्ली हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। आपको बता दें कि आईबी अफसर अंकित वर्मा का शव भी नाले से मिला था।

शिलांग के व्यस्त लेवडूह बाजार में शनिवार (29 फरवरी) को एक प्रवासी मजदूर की चाकू मारकर हत्या कर दी गई, जिससे मेघालय में आदिवासी और गैर आदिवासी समूह के बीच संघर्ष में मरने वालों की संख्या दो हो गई है। पुलिस अधीक्षक क्लाउडिया लिंगवा ने ‘पीटीआई’ को बताया कि नगर के मध्य में चाकू से हुए हमले में सात लोग घायल हो गए और उनमें से दो लोगों की मौत हो गई।

उन्होंने कहा कि हमले में शामिल लोगों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। अधिकारी ने बताया कि सोहरा सिविल उपमंडल के सोहरा बाजार में भीड़ के हमले में एक प्रवासी मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया।

उन्होंने कहा कि उसे शिलांग के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि संघर्ष में घायल लोगों की संख्या 16 तक पहुंच गई है।

भारत- बांग्लादेश सीमा के नजदीक ईस्ट खासी हिल्स जिले के इछामती इलाके में शुक्रवार (28 फरवरी) को एक रैली के दौरान खासी छात्र संघ के सदस्यों और गैर आदिवासियों के बीच संघर्ष छिड़ गया जिसमें एक आदिवासी की मौत हो गई।

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ और इनर परमिट लाइन की मांग को लेकर आयोजित रैली के दोरान संघर्ष छिड़ गया, जिससे राज्य के कई हिस्से में तनाव पैदा हो गया।

इसके बाद सरकार ने शिलांग के दो थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया और छह जिलों में मोबाइल और एसएमएस सेवाओं को रोक दिया गया। दिन के समय कर्फ्यू में ढील दी गई, जबकि मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध जारी रहा।