पाकिस्तान से लगी सरहद के पास हुआ ये, करीब 3000 लोग हुए…

भारत और पाकिस्तान की सीमा पर बसा ये इलाका काफी संवेदनशील है. पठानकोट एयरबेस यहां से महज 50 किलोमीटर ही दूर है. पाकिस्तानी घुसपैठिए 2015 और 2016 में यहां आतंकी हमलों को अंजाम दे चुके हैं. मुसीबत की घड़ी में सेना के जवान ही इन लोगों का सहारा होते हैं और नाव के जरिए इन लोगों तक ज़रूरी सामान पहुंचाते हैं.

 

तीन ओर से पाकिस्तान की सीमा से घिरा मकौड़ा पत्तन सैलाब में समाया हुआ है. 3000 लोगों की जिदंगी खतरे में है. यहां लोग जल कैदी की तरह जिंदगी जी रहे हैं.

दरअसल मकौड़ा पत्तन एक टापू है और इस टापू को यहां बहने वाला दरिया देश से अलग-थलग कर देता है. इस टापू पर मकौड़ा पत्तन दरिया के पास करीब 7 गांव बसे हुए है, जिनकी 3000 की आबादी यहां गुजर-बसर करती है.

गुरदासपुर के मकौड़ा पत्तन इलाके में बाढ़ ने तबाही मचाई हुई है. सैलाब और समंदर के बीच जिंदगी की जद्दोजहद है..सीमा पर बसे इस इलाके में रहने वाले लोगों की परेशानी को देश के सामने लाने का जिम्मा TV9 भारतवर्ष की टीम ने उठाया.. हमारे रिपोर्टर मोहित मल्होत्रा नाव के रास्ते मकोड़ा पत्तन तक पहुंचे.

कुदरत के कहर ने पंजाब (Punjab) के कई इलाकों को बर्बाद कर दिया है.. जहां कभी फसलें लहलहाती थी.. वहां आज तबाही ही तबाही है..हर तरफ बेबसी है.. हर तरफ लाचारी है..

आज हम आपको देश के एक ऐसे इलाके की बेबसी की कहानी बता रहे हैं, जिसको सुनकर आप हैरत में पड़ जाएंगे. आजादी के 70 साल बाद भी पंजाब के 7 गांवों के करीब 3000 लोग जल-कैद में जीने को मजबूर हैं.

यहां के लोगों के दर्द को आपके सामने लाने के लिए टीवी 9 भारतवर्ष की टीम चंडीगढ़ से 220 किलोमीटर दूर गुरदासपुर पहुंची. गुरदासपुर का मकोड़ा पत्तन इलाका इन दिनों पानी के बीच घिरा हुआ है, जिससे लोगों का हाल बेहाल है.