गैर-संक्रामक बीमारियों में इन जानलेवा बीमारियों के नाम शामिल

व्यस्त लाइफस्टाइल व खान-पान से जुड़ी बेकार आदतों की वजह से आजकल युवाओं में क्रॉनिक डिजीज का खतरा ज्यादा देखने को मिल रहा है. दुनिया स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट की मानें तो हिंदुस्तान में लगभाग 61 फीसदी मौतें सिर्फ गैर-संक्रामक बीमारियों की वजह से होती हैं.

गैर-संक्रामक बीमारियों में दिल रोग, डायबीटीज स्ट्रोक, हाइपरटेंशन व कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के नाम शामिल हैं. यही वो बीमारियां हैं जिनकी वजह से लगभग 23 फीसदी जनसंख्या पर अकाल मत्यु का खतरा बना रहता है. खास बात यह है कि वर्ष 2017 में WHO ने हिंदुस्तान सहित अन्य कई राष्ट्रों को भी इन बीमारियों से होने वाली अकाल मत्यु के प्रति चेताया था.

इस रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में गैर-संक्रामक रोगों की वजह से लगभग 70 फीसदी मत्यु होती है. बता दें, वर्ष 2016 में हिंदुस्तान में लगभग 58 लाख 17000 मौतें दिल रोग, डायबीटीज व कैंसर की वजह से हुईं थीं. जिसका प्रमुख कारण लोगों की बदली हुई लाइफस्टाइल को माना गया.

क्या है क्रॉनिक डिजीज-
क्रॉनिक डिजीज या नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज ऐसी बीमारियां होती हैं जो लंबी अवधि व आनुवंशिक होती हैं. ये बीमारियां संक्रमण से एक-दूसरे को नहीं फैलती लेकिन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर होती हैं. वर्ष 2017 के मुकाबले वर्ष 2018 में इस तरह की बीमारियों ने दोगुनी गति से युवाओं को अपना निशाना बनाया है. गैर-संक्रामक बीमारियों में दिल रोग, डायबीटीज स्ट्रोक, हाइपरटेंशन व कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के नाम शामिल हैं.

क्रॉनिक डिजीज की वजह-
तंबाकू सेवन, अनहेल्थी डायट, ऐलकॉहॉल, व फिजिकल इनऐक्टिविटी, इन बीमारियों के बढ़ने का मुख्य कारण हैं. इन बीमारियों में भी सबसे ज्यादा 45 फीसदी मौतें दिल रोग से होती हैं. जिसके बाद, श्वास रोग से 22 फीसदी मौतें, कैंसर से 12 फीसदी व डायबीटीज से 3 फीसदी मौतें होती हैं.

गैर-संक्रामक रोग के लक्षण-
गैर-संक्रामक रोग (एनसीडी) हमारी जीवनशैली के कारण हो रहे हैं, जो हमारे स्वास्थ्य को लगातार हानि पहुंचाते हैं. बात अगर डायबिटीज की करें तो इसके लक्षणों में आमतौर पर देखा जाता हैं कि आदमी को बार-बार पेशाब आता है. आवश्यकता से ज्यादा प्यास लगना. भरपूर नींद लेने के बाद भी थकान महसूस होना व आवश्यकता से ज्यादा भूख का अहसास होना शामिल है. डायबिटीज को स्वस्थ जीवनशैली व खानपान पर नियंत्रण के जरिए काबू में लाया जा सकता है.

जबकि कैंसर के कई लक्षण होते हैं. इनमें पेशाब में खून आने से लेकर रात में खूब पसीना आने तक शामिल है. अगर आपको खाना नहीं पचता व आपके दिल की धड़कन बढ़ी रहती है व तेजी से वजन घट रहा है तो फौरन चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए.

वहीं हाइपरटेंशन एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से समय के साथ धीरे-धीरे हार्ट, किडनी व शरीर के दूसरे अंग कार्य करना बंद कर देते हैं. यही वजह है कि हाइपरटेंशन को साइलेंट कातिल भी बोला जाता है. हाइपरटेंशन में आदमी को चक्कर आना, धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाना, सिर दर्द की शिकायत प्रारम्भ हो जाती है.

गैर-संक्रामक रोग से बचने के उपाय-
-तंबाकू का सेवन करने से बचें.
-अपने वजन को नियंत्रित रखें.
-हेल्दी डाइट अनुसरण करें.
-अधिक टीवी देखने से बचें.
-धूम्रपान व ज्यादा शराब पीने से बचें.
-समय-समय पर अपनी जाँच करवाते रहें.
-नींद पर्याप्त लें.