आंख के बार-बार फड़कने के पीछे शुभ-अशुभ नहीं, मैग्नीशियम का है लॉजिक!

आंखों के फड़कने को लेकर कई तरह का मान्यताएं हैं. कोई कहता है कि पुरुष की दायीं आंख फड़कना अच्छा है और महिला की बायीं. फिलहाल बात कर लेते हैं सेहत के लिहाज से. आंख का फड़कना वैसे तो नॉर्मल माना जाता है, लेकिन अगर आपकी आंख बार-बार फड़कती रहती है और आप इससे परेशान हो जाते हैं तो इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है.

दरअसल बार-बार अगर आंख फड़कती है तो इसके पीछे की वजह आपकी बॉडी में मैग्नीशियम की कमी हो सकती है. मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूत बनाए रखने से लेकर मांसपेशियों तक के लिए बेहद जरूरी मिनरल होता है. यहां तक कि दिल को हेल्दी रखने में भी मैग्नीशियम बेहद जरूरी तत्व है.

शरीर में मैग्नीशियम की कमी होने से आंख फड़कने के अलावा भी कई और समस्याएं होने लगती हैं. इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. तो चलिए जानते हैं कि कैसे पहचानें शरीर में मैग्नीशियम की कमी.

मैग्नीशियम की कमी से क्यों फड़कती है आंख?

दरअसल मैग्नीशियम बॉडी की मसल्स को रिलैक्स करने में भी सहायक होता है और जब इस मिनरल की कमी हो जाती है तो मसल्स का स्ट्रेस बढ़ सकता है. जिससे आंखों के फड़कने की समस्या हो सकती है.

बार-बार सिरदर्द की समस्या होना

शरीर में जरूरत के मुताबिक, मैग्नीशियम की पूर्ति न होने पर आंख फड़कने के अलावा बार-बार सिरदर्द से जूझना पड़ सकता है. अगर इस तरह का लक्षण दिखे तो डॉक्टर से मिलकर उचित सलाह लेना ही सही रहता है.

भूख कम होना और थकान

वैसे तो काम के बाद थकान होना आम बात है, लेकिन मैग्नीशियम की कमी से आपको काफी कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है. इसके अलावा इससे भूख के पैटर्न में भी बदलाव आता है, जिसमें उल्टी आना और भूख न लगने जैसी समस्याएं होती है.

पैरों में ऐंठन महसूस होना

मांसपेशियों को दुरुस्त बनाए रखने के लिए मिनरल्स की जरूरत होती है, इसलिए जब शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाती है तो पैरों में ऐंठन और मरोड़ जैसा महसूस हो सकता है. अगर रात को सोते वक्त पैरों में ऐंठन हो तो इसके पीछे की वजह शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो सकती है.

कब्ज की समस्या बनी रहना

मैग्नीशियम आंतों में पानी की मात्रा को बढ़ाने में हेल्पफुल रहता है, जिससे यह पाचन की प्रक्रिया को सुचारू बनाता है. अगर आपको बार-बार कब्ज की समस्या हो जाती है तो यह मैग्नीशियम की कमी का संकेत हो सकता है.