यूपी में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही, सामने आया ये मामला

तत्कालीन बीएसए ने उसके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे। यह मामला उस वक्त चर्चाओं में आया जब शिक्षिका प्रीति यादव का सेवा समाप्ति नोटिस जारी हुआ। बता दें कि फिलहाल प्रीति यादव बाराबंकी जिले में नौकरी कर रही है। रामपुर के बीएसए ने कार्रवाई के लिए अब बाराबंकी के बीएसए को भी लिखा है।

इस मामले में रामपुर जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने जांच बैठा दी और बीएसए से रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम के आदेश पर अजीमनगर थाने में खंड शिक्षाधिकारी प्रेम सिंह राणा की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एसओ रविंद्र कुमार ने पुष्टि की कि आरोपी शिक्षिका, उसके पति और एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

ये मामला रामपुर जिले के अजीमनगर थाना क्षेत्र के सैदनगर ब्लाक के कुम्हरिया गांव का है। शिक्षिता प्रीति यादव की तैनाती 2011 से 2015 तक सैदनगर ब्लाक के कुम्हरिया के प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका के रूप में थी।

इस पांच साल के दौरान 1297 दिन वो गैर हाजिर रही थीं। केवल 38 दिन ही स्कूल में बच्चों को पढ़ाने आई है। रजिस्ट्रर में उसे गैर हाजिर दिखाया गया है, लेकिन उसके वेतन का भुगतान दिया जाता रहा। खास बात यह है कि एबीएसए ने भी वेतन जारी करने की संस्तुति नहीं की थी, इसके बाद भी वेतन जारी होता रहा।

शिक्षिका अनामिका शुक्ला मामले को अभी ज्यादा भी नहीं बीते है। लेकिन ऐसा ही एक और मामला उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले से सामने आय़ा है। दरअसल, यहां प्रीति यादव नाम की शिक्षिका पिछले पांच साल में केवल 38 दिन ही स्कूल में बच्चों को पढ़ाने गई। \

यानी वो पूरे 1297 दिन गैर हाजिर रही। इसके बावजूद भी शिक्षा विभाग प्रीति यादव का वेतन जारी करता रहा। इस मामले में शिक्षिका विभाग की नींद छह साल बाद टूटी है।

जिसके बाद एबीएसए प्रेम सिंह राणा ने इस मामले में अजीम नगर थाने में तहरीर दी है। यह तहरीर शिक्षिका प्रीति यादव और उसके पति समेत तीन लोगों के खिलाफ दी गई है। साथ ही गैरहाजिरी के दौरान वेतन के रूप में ली गई धनराशि की रिकवरी कराने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है।