कोरोना के चलते इस देश में आई तंगी, भागने को मजबूर हुए लोग

नोटिस जारी होने के पहले ही दाम आसमान छूने लगा। 24 घंटे के अंतराल में ही काबुल में कुछ जगहों पर 49 किलो आटे की बोरी जो 900 अफगानी रुपये में बिकती थी.

 

अब 1,800 रुपये में बिकने लगी है। दाम बढ़ने के कारण काबुल निवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोग तो कम से कम तीन महीने का समान खरीदने के लिए दुकानों के बाहर खड़े हैं।

पाकिस्तान व उज्बेकिस्तान सहित कुछ अन्य राष्ट्रों ने अफगानिस्तान के साथ आपूर्ति लाइनों में कटौती की है, लेकिन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इन्वेस्टमेंट के अनुसार, इस प्रतिबंध से आपूर्ति का आयात-निर्यात प्रभावित नहीं हुआ है। अफगानिस्तान अपना आटा ज्यादातर उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान व पाक से आयात करता है।

चैम्बर के उप प्रमुख यूनुस मोहमंद ने कहा, “तुर्कमेनिस्तान की सीमा सामान्य रूप से खुली है । । और कोई समस्या नहीं है। ट्रक आ रहे हैं व वस्तुओं को ले जा रहे हैं, उज्बेकिस्तान की सीमा भी खुली है। ”

कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा व पाकिस्तान, ईरान के साथ सीमा साझा करने की वजह से अफगानिस्तान में भोजन व अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें दोगुनी हो गई हैं, जिससे वहां के सैकड़ों निवासी प्रभावित हो रहे हैं।

अभी तक अफगानिस्तान में कोरोना वायरस के 16 मुद्दे दर्ज हुए हैं। टोलो न्यूज के रिपोर्ट के अनुसार, आंतरिक मंत्रालय ने सोमवार को देश भर के व्यवसायों को नोटिस भेजकर बोला कि वे खाने का समान ज्यादा मूल्य पर न बेचें। उन्हें चेतावनी भी दी कि यह क्राइम है व अगर कोई क्राइम करते पकड़ा जाता है तो उसे सजा दी जाएगी। ”