कृषि कानून के रद्द होते ही केजरीवाल ने किया ऐसा, कहा भारत के इतिहास में लिखा जाएगा…

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन कृषि कानून रद्द किए जाने के ऐलान को बड़ी खुशखबरी बताया है। केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह दिन स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस की तरह भारत के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।

यह सिर्फ किसानों की नहीं लोकतंत्र की जीत है। सरकार ने कृषि विरोधी कानूनों के आंदोलन को बाधित करने के सभी प्रयास किए, उन्हें खालिस्तानी, आतंकवादी कहा, लेकिन किसानों ने हार नहीं मानी। आज भारत सरकार को किसानों के आंदोलन के आगे झुकना पड़ा और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सिर्फ किसानों की जीत नहीं हुई है यह जनतंत्र की जीत हुई है। किसानों ने सभी सरकारों को बता दिया है कि जनतंत्र में सिर्फ जनता की मर्जी चलेगी। कोई भी पार्टी हो, कोई नेता हो, जनता के आगे उनकी नहीं चलेगी। इस लड़ाई में किसानों, मजदूरों, दुकानदारों, महिलाओं सभी ने हिस्सा लिया। पूरा देश किसानों के साथ खड़ा रहा। देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतवासी एक हो गए और जिन्होंने मिलकर इतिहास रचा। उन्होंने तीनों काले कानूनों के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ी और आज ये जीत मिली।

केजरीवाल ने कहा कि पूरी दुनिया में शायद ही कोई इतना लंबा आंदोलन हुआ होगा। लाखों लोगों ने इस आंदोलन में बिना डरे जुटे रहे। बारिश, ठंड गरमी में वहीं डटे रहे। उन्हें क्या-क्या नहीं झेलना पड़ा, किसी ने खालिस्तानी तो किसी ने आतंकवादी कहा। मगर वह आंदोलन से पीछे नहीं हटे। आजादी के दीवानों की तरह किसान आंदोलनकारी डटे रहे।

उन्होंने कहा कि आज एक बात का दुख है कि 700 से ज्यादा हमारे किसानों ने अपनी जान इस आंदोलन में गंवा दी। अगर यह कानून पहले वापस ले लिए जाते तो उनकी जान बचाई जा सकती थी। हमारे किसान भाई बहनों को इतने दिनों तक सड़क पर बैठकर जान गंवाने की जरूरत नहीं पड़ती। उन शहीदों को मेरा नमन है।

आज एक बात साबित हो गई है कि अगर सही मन से शांतिपूर्व तरीके से कोई आंदोलन किया जाए तो सफलता जरूरत मिलती है। तीनों कानूनों को लेकर यही हुआ है। आज यह साबित हुआ है कि यह आंदोलन साफ मन से सभी ने जाति और धर्म से ऊपर उठकर किया।