राम मंदिर की आधारशिला रखते ही अयोध्या में हुआ ये बड़ा बदलाव, बढ़ने लगी 4 गुना…

जिसके बाद अब माझा वरहटा में भगवान राम की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा लगाने की तैयारी हो रही है और जमीन की खरीद के लिए प्रशासन की तरफ से मुआवजे की रकम भी आवंटित कर दी गई है.

 

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होगा, ऐसे में पर्यटक भी बढ़ेंगे और पर्यटकों की आमद बढ़ते देख बड़े-बड़े उद्योगपति अब अयोध्या में अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए जमीन खोज रहे हैं. इसमें प्रमुख रूप से होटल व्यवसाई और धर्मशाला खोलने के लिए जमीन खोज रहे हैं.

जमीन व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों ने बताया कि अयोध्या में ज्यादातर जमीन जो खोजने आ रहे हैं वह होटल के धर्मशाला के लिए खोज रहे हैं. ऐसे में व्यवसाय के नए अवसर को देखते हुए लगातार उद्योगपति अयोध्या की तरफ रुख कर रहे हैं.

राम नगरी के सबसे नजदीक बसने वाले 4 गांव हैं- माजा वरहटा, शाहनवा, माझा जमथरा, मीरापुर दुआबा. यह सभी गांव सरयू नदी के किनारे बसे हुए हैं. इन्हीं में से एक गांव में भगवान राम की 251 मीटर विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा लगाने का राज्य सरकार प्रयास कर रही है.

सूत्रों की माने तो इन क्षेत्रों में बड़ी जमीनों की खरीद-फरोख्त पर रोक है. इसके लिए पहले अनुमति लेनी होगी. बीते दिन अयोध्या से सटे मीरापुर दुआबा में भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा लगाने की कवायद शुरू हुई तो मीरापुर दुआबा के लोगों ने कोर्ट का सहारा लिया और प्रशासन पर कम मुआवजे का आरोप लगाते हुए विरोध किया था.

उत्तर प्रदेश के अयोध्या मामले (Ayodhya Case) पर सुप्रीम कोर्ट (SC) का निर्णय आने के बाद यहां जमीनों के दामों पर भी इसका असर दिखने लगा है. वहीं जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर (Ram Mandir) की आधारशिला रखी है.

अयोध्या में जमीनों के रेट आसमान छू रहे हैं. पहले जो जमीन बिस्वा में बिकती थी, अब वर्ग फुट में बिक रही है. जमीन के कारोबार से जुड़े हुए व्यक्ति बताते हैं कि इन दिनों जमीन की डिमांड बहुत बढ़ गई है. ज्यादातर होटल और रेस्टोरेंट, धर्मशाला के लिए लोग अयोध्या में जमीन खोज रहे हैं.