अधिकारियों के मुताबिक पिछले दो से तीन दिनों के अंदर पीएलए के जवानों का स्वास्थ्य बिगड़ना शुरू हो गया है। इस घटनाक्रम से अब साफ है कि लद्दाख में ऊंचाईयों पर तैनाती जारी रखने की दिशा में चीन की चुनौतियां बढ़ गई हैं।
यह घटनाक्रम तब हुआ है जब पिछले दिनों चीन की सरकारी मीडिया की तरफ से भारत को धमकाया गया था कि अगर टकराव जारी रहा तो फिर भारतीय जवानों की सर्दियों में जान जा सकती है और वो खुद ही पीछे चले जाएंगे।फिंगर एरिया आठ चोटियों के साथ है .
जिसमें एक तरफ श्रीजप रेंज हैं जहां से पैंगोंग त्सो नजर आती है। इस समय दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख के हिस्से में सबसे बड़ा टकराव जारी है। दोनों देशों के करीब एक लाख जवान यहां पर इस समय मौजूद हैं।
ये जवान हथियार और दूसरे साजो-सामान के साथ डेप्थ एरिया में तैनात हैंफिंगर 4 पर भारत के सैनिकों ने चीनी सैनिकों से बस कुछ मीटर की री पर अपनी स्थिति को संभाला हुआ है। पूर्वी लद्दाख में सर्दियों में तापमान -50 डिग्री से नीचे पहुंच जाता है और हवाएं भी बहुत तेज चलती हैं।
लद्दाख में सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है और भारत-चीन के बीच टकराव पांचवें माह में भी जारी है। गर्मियों में शुरू हुए इस टकराव को सर्दियों से पहले खत्म करने की कई कोशिशें की गईं लेकिन सारी कोशिशें बेनतीजा रहीं।
अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के जवान लद्दाख की ऊंची चोटियों पर ऑक्सीन की कमी से बेहोश होने लगे हैं।
गुरुवार शाम सेना के सूत्रों के हवाले से ऐसी खबरें आई हैं। शुक्रवार को अधिकारियों की तरफ से इसकी पुष्टि की गई है। पैंगोंग त्सो के उत्तरी किनारे पर स्थित फिंगर एरिया, जहां पर चीनी जवान भारी संख्या में मौजूद हैं.
वहां पर भारतीय जवानों ने पीएलए के कुछ जवानों का रेस्क्यू करते हुए देखा है। सूत्रों की मानें तो कुछ चीनी जवानों को फिंगर 4 की ऊंचाईयों से निकालकर उन्हें पास के फील्ड मेडिकल हॉस्पिटल में ले जाया गया है जो कि फिंगर 6 के आगे है।