करे हनुमान जी के इन मंत्रों का जाप, पूरे होंगे सब काम

श्री हनुमान मंत्र (जंजीरा) ॐ हनुमान पहलवान पहलवान, बरस बारह का जबान, हाथ में लड्‍डू मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान,
अंजनी का पूत, राम का दूत, छिन में कीलौ नौ खंड का भू‍त, जाग जाग हड़मान (हनुमान) हुंकाला, ताती लोहा लंकाला, शीश जटा डग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चंपे ने सींण, अजरा झरे भरया भरे, ई घट पिंड की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुंवर हड़मान (हनुमान) करें।

ध्यान रहे उपरोक्त मंत्र को 7 बार पढ़ कर चाकू से अपने चारों तरफ रक्षा रेखा खींच ले गोलाकार, स्वयं हनुमानजी साधक की रक्षा करते हैं। शर्त यह है कि मंत्र को सिद्ध करने के बाद विधि विधान से पढ़ा गया हो। दूसरा मंत्र : बिस्तर के आस-पास। हवेली के आस-पास। छप्पन सौ यादव। लंका-सी कोट, समुद्र-सी खाई। राजा रामचंद्र की दुहाई।

साबर अढाईआ मंत्र : ॥ ॐ नमो आदेश गुरु को, सोने का कड़ा, तांबे का कड़ा हनुमान वन्गारेय सजे मोंढे आन खड़ा ॥ ॐ नमो बजर का कोठा, जिस पर पिंड हमारा पेठा। ईश्वर कुंजी ब्रह्म का ताला, हमारे आठो आमो का जती हनुमंत रखवाला।

पहला साबर मंत्र : ओम गुरुजी को आदेश गुरजी को प्रणाम, धरती माता धरती पिता, धरती धरे ना धीरबाजे श्रींगी बाजे तुरतुरि आया गोरखनाथमीन का पुत् मुंज का छड़ा लोहे का कड़ा हमारी पीठ पीछे यति हनुमंत खड़ा, शब्द सांचा पिंड काचास्फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।।

आप में से बहुत से लोगों ने बीज मंत्रों के बारे में सुना होगा, मगर शाबर मंत्रों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। धार्मिक तथा ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो वैदिक, पौराणिक, एवं तांत्रिक मंत्रों के समान शाबर मंत्र भी अनादि और अचूक होते हैं।

ज्योतिष शास्त्रोत्क के मुताबिक प्रवर्तक मूल रूप से भगवान शंकर ही हैं, परंतु शाबर मंत्रों के प्रवर्तक शिव शंकर प्रत्यक्षतया नहीं माने जाते हैं। शाबर मंत्रों के प्रवर्तक शिव भक्त गुरु गोरखनाथ तथा गुरु मत्स्येंद्र नाथ को माना जाता है। तो आइए जानते हैं हनुमान जी के ऐसे शाबर मंत्रों के बारे में जिन्हें सिद्ध करने पर कोई व्यक्ति मंत्र जप करने वाले जातक का बाल भी बांका नहीं कर पाता।