दिल्‍ली में अभी -अभी हुआ ये, काम छोड़ भागे लोग

25 फरवरी को दिल्ली दंगों का एक वीडियो यमुना विहार इलाके से सामने आया, जिसमें दंगाइयों ने पत्थर, डंडों और गोलियों से बचाव के लिए अच्छी क्वालिटी का हेलमेट पहन रखा था।

 

कई दंगाई तो हेलमेट हाथ में लिए हुए हैं, जैसे इन्हें हेलमेट पहनने की आदत न हो और किसी ने जबरन थमा दिया हो। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बृजपुरी इलाके में दंगाई पूरी तैयारी के साथ पहुंचे।

यहां भी दंगाइयों के हाथों में पेट्रोल बम, पत्थर और सिर पर सुरक्षा के लिए सिर पर हेलमेट है। दंगाई जानते हैं कि नीचे से जो पत्थर ऊपर की ओर उछाले जा रहे हैं.

उसमें से कुछ नीचे गिरेंगे, ऊपर से भी जवाबी हमला हो सकता है। ऐसे में संभवत: ये दिल्ली का या कहें देश का पहला दंगा है, जिसमें बड़े पैमाने पर दंगाईयों ने हेलमेट से लैस होकर आए।

दिल्ली में हुई हिंसा में पहली बार हेलमेट वाले दंगाई देखे गए। इससे पहले कभी हेलमेट पहनकर खुले आम गोली और पत्थर चलाने वाले दंगाई नहीं नज़र आए।

जिन लोगों ने हेलमेट पहने हुए थे, सबसे ज़्यादा हिंसा उन्होंने की। क्योंकि सिर पर हेलमेट पहनने के बाद वो खुलेआम घूम-घूमकर लोगों की भीड़ पर सीधी फायरिंग करते रहे।

24 फरवरी, 25 फरवरी और 26 फरवरी को दिल्ली दंगों के दौरान मौजपुर, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, गोकुलपुरी, शिव विहार, यमुना विहार, भजनपुरा और खजूरी जैसे इलाकों में हुई। यहां दंगाईयों ने जमकर तांडव मचाया, गोलियां बरसाई। ये महज संयोग नहीं हो सकता है कि दंगाई हेलमेट पहन कर आए।

दिल्ली दंगों में हेलमेट वाले इतने हैवान कहां से आए? जांच एजेंसियां दिल्ली दंगों से जुड़े हर वायरल वीडियो के एक-एक फ्रेम का विश्लेषण कर रही हैं।

सूत्रों से न्यूज़ 24 को मिली जानकारी के मुताबिक, दंगाइयों को थोक में हेलमेट बांटे गए, जिससे वो न सिर्फ अपना बचाव कर सकें। बल्कि खास रंग के हेलमेट दिए गए, जिससे दंगा ब्रिगेड अपने ग्रुप के सदस्यों की पहचान कर सके।

जानकारी के मुताबिक, पीले रंग की एक हजार से ज्यादा टीशर्ट भी दंगाइयों के बीच बांटी गयी। मतलब खास रंग की हेलमेट और टीशर्ट को दंगाइयों ने कोड वर्ड की तरह इस्तेमाल किया।