खतरनाक साबित होंगी भविष्य की ये बीमारी, झेलने के लिए तैयार हो जाए लोग

दिलचस्प बात यह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) की ये रिपोर्ट, फ्रेंच गुयाना में मायरो वायरस की बीमारी (Mayaro virus disease) के फैलने के तीन दिन बाद आई है. मायरो वायरस से संक्रमित व्यक्ति में डेंगू के समान लक्षण दिखते हैं, ये वायरस भी मच्छरों से ही फैलता है.

 

गौर करने वाली बात ये भी है कि दुनिया में 70 फीसदी वायरस जानवरों के माइक्रोब्स से होते हैं. इन वायरस में इबोला, ज़िका, निप्पा इन्सेफेलाइटिस, और इन्फ्लूएंजा, एचआईवी / एड्स, कोविड -19 जैसी कई गंभीर बीमारियां शामिल हैं. आईपीबीईएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि वन्यजीव, पशुधन और लोगों के बीच संपर्क के कारण ये माइक्रोब्स फैल जाते हैं.

कोरोना संक्रमण को जन्म देने वाला SARS-CoV-2 वायरस एकमात्र वायरस नहीं है. प्रकृति में इसके जैसे 540,000 से 850,000 ऐसे अज्ञात वायरस मौजूद हैं, जो लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

दिलचस्प बात यह है कि यह रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा फ्रेंच गुयाना में मायरो वायरस की बीमारी के फैलने के तीन दिन बाद आई है. मायरो वायरस डेंगू के समान लक्षणों वाली बीमारी है जो फैलती है.

जैव विविधता (Biodiversity) और महामारी (pandemics) पर ये वैश्विक रिपोर्ट (Global Report) दुनिया भर के 22 प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा लिखी गई है. ये रिपोर्ट गुरुवार यानी 29 अक्टूबर को जारी की गई है.

यह जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं (Ecosystem Services) पर अंतर-सरकारी विज्ञान-नीति प्लेटफॉर्म (IPBES) द्वारा बुलाई गई वर्कशॉप का परिणाम है, प्रकृति के नुकसान और बढ़ती महामारी के खतरों के बीच की कड़ी पर केंद्रित है.

दुनिया में  8 लाख से ज्यादा वायरस , खतरनाक साबित होंगी भविष्य की महामारियां प्रमुख विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट कहा गया है कि दुनिया भविष्य में कई बार महामारियों (Pandemics) का अनुभव कर सकती है.

इनमें कुछ महामारियां ऐसी भी हो सकती हैं, जो कोरोना वायरस से ज्यादा घातक सिद्ध होंगी. इतना ही नहीं, अगर इन संक्रामक रोगों से निपटने के लिए वैश्विक दृष्टिकोण में परिवर्तनकारी बदलाव नहीं हुए तो भविष्य की इन बिमारियों से लड़ पाना काफी महंगा साबित हो सकता है.