दो हजार किलोमीटर दूर से आएगी इस महिला की लाश, बताया जा रहा बहुत खतरनाक

तीस साल की ख़ैरुन्निसा, लद्दाख के सीमावर्ती गांव बयोगांग की थी। वह लापता हो गई तो उसके माता पिता ने उसकी तस्वीर सीमावर्ती गांवों में भेजी।

 

इस बीच खैरुन्निशा का शव सोमवार सुबह पाकिस्तान के गिलगित-बल्तिस्तान में थोंगमोस में मिल गया। अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि खैरुन्निशा की मौत कैसे हुई। लेकिन उसकी लाश स्कर्दू में ज़िला अस्पताल के मुर्दाघर में रखी है।

श्योक नदी सिन्धु नदी की सहायक है। सियाचिन हिमनद की एक उपशाखा रिमो हिमनद से निकलती है। काफ़ी दूरी तक यह लद्दाख पर्वत श्रेणी के उत्तर में सिन्धु नदी के समानांतर बहती है जबकि सिन्धु नदी इस पर्वत के दक्षिण में बहती है।

दरअसल लद्दाख में बहने वाली श्योक नदी बहुत खतरनाक मानी जाती है। श्योक का अर्थ होता है श्योक नदी का स्थानीय भाषा में अर्थ होता है मृतकों की नदी। इस नदी में अक्सर लाशें बहती मिलती हैं। कहते हैं तमाम लाशें आत्महत्या के इरादे से इसमें कूदने वाले लोगों की होती हैं।

अपनी बेबसी पर बिलखते ख़ैरुन्निसा के बुज़ुर्ग माता-पिता ने अपनी पीड़ा एक वीडियो संदेश में व्यक्त कर वायरल की जिसे लद्दाख की लोकप्रिय लोकगायक शेरीन फ़ातिमा बलती ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर इसे साझा कर आगे बढ़ाया।

लद्दाख के सीमावर्ती गांव बयोगांग की रहने वाली एक महिला श्योक नदी में बह गई। उसकी लाश दस किलोमीटर दूर पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान के थोंगमोस में मिली।

शव मुर्दाघर में रखा है लेकिन सीमा का ये झंझट अब उसके माता-पिता तक उस महिला की लाश पहुंचने में बड़ा अवरोध बन गया है। अगर भारत सरकार पाकिस्तान से गुजारिश करे तभी उस महिला की लाश 2000 किमी का चक्कर लगाकर उसके माता-पिता तक पहुंच सकती है। इस संबंध में खैरुन्निशा के परिवार ने कमिश्नर को पत्र लिखकर अनुरोध किया है।