अभी – अभी गलवान में हुआ ये, मुश्किल में पड़ी चीनी सेना, इकट्ठा हुए…

भारत और चीन की सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच पांच मई से शुरू गतिरोध को कम करने के लिए तीन राउंड बातचीत हो चुकी है। इस तरह की कवायद शुरू करने पर व्यापक समझौता भी हुआ। लेकिन पहले समझौते के दस दिन बाद यानी 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई।

 

एक वरिष्ठ सैन्यन्दर ने कहा कि अक्साई चिन क्षेत्र से आने वाली बर्फीले-ठंड, बर्फ से ढंके गैलवान नदी का जल स्तर तापमान में वृद्धि के कारण तेजी से बढ़ गया है। तेज गति से बर्फ पिघलने से नदी के तट की स्थिति खतरनाक हो गई है। उपग्रह और ड्रोन ने नदी के तट पर चीनी टेंटों के बढ़ने का संकेत दिया था।

लेकिन अग्रधरर ने कहा कि चीन के लिए गलवान, गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और पैंगोंग त्सो में वर्तमान पोजिशन को बरकरार रखना कठिन होगा। उन्होंने कहा कि अगर चीन जारे के दिनों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति को बहाल नहीं करता है तो गतिरोध सर्दियों के महीनों में भी जारी हो सकता है।

गलवान झील में गतिरोध वाली जगह से पांच किमी की दूरी पर सैनिकों को इकट्ठा करने वाली चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को अब अपने सैनिकों को वापस बुलाना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए करना होगा, क्योंकि झील के जल स्तर में इजाफा हुआ है। झील के किनारे में बाढ़…

गलवान झील में गतिरोध वाले झगह से पांच किमी की दूरी पर सैनिकों को इकट्ठा करने वाली चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को अब अपने सैनिकों को वापस भेजना पड़ सकता है।

ऐसा इसलिए करना होगा, क्योंकि झील के जल स्तर में इजाफा हुआ है। झील के किनारे में बाढ़ के हालात बन गए हैं। गलवान को जानने वाले शिक ने यह जानकारी हिन्दुस्तान टाइम्स को दी है।