ईरान ने खोली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सच्चाई, किये थे ऐसे झूठे दावे…. परमाणु समझौते पर भी…

ईरान शर्तों का पालन कर रहा है। एमआईटी के सिक्योरिटी स्टडीज प्रोग्राम से जुड़े जिम वाल्श कहते हैं कि समझौता ईरान के शत्रुतापूर्वक रवैये के कारण नहीं, असल में ट्रंप का फैसला ज्यादा जिम्मेदार है।ईरान और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन में भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक दावे किए। यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने गलतबयानी की है।

ट्रंप: 2013 में परमाणु समझौते के बाद से ईरान का शत्रुतापूर्ण व्यवहार बढ़ा। ईरान को 150 अरब डॉलर व 1.8 अरब डॉलर नकद मिले। सच्चाई: परमाणु समझौते के बदले अमेरिका ने पैसे नहीं दिए। करीब 100 अरब डॉलर दिए, लेकिन यह ईरान की पहले से अवरुद्ध संपत्तियों के एवज में थी। करीब 1.7 अरब डॉलर नकदी भी पुराने विवादों से जुड़ी थी। 2018 में परमाणु समझौते से बाहर होने तक ट्रंप प्रशासन कई बार दावा कर चुका था कि ईरान शर्तों का पालन कर रहा है। एमआईटी के सिक्योरिटी स्टडीज प्रोग्राम से जुड़े जिम वाल्श कहते हैं कि समझौता ईरान के शत्रुतापूर्वक रवैये के कारण नहीं, असल में ट्रंप का फैसला ज्यादा जिम्मेदार है।

ट्रंप: दागी गईं मिसाइलें अमेरिकी पैसों से बनीं।
सच्चाई: व्हाइट हाउस भी इस पर चुप है। सेंटर फार स्ट्रैटिजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के एंथनी कॉड्र्समैन बताते हैं, परमाणु समझौते के बाद मिले पैसों से मिसाइल बनाने के सबूत नहीं हैं।

ट्रंप: करार खत्म होने वाली है। अब ईरान एटमी हथियारों के लिए ईंधन तैयार करेगा।
सच्चाई: ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बंदिशों की मियाद 10 साल से ज्यादा है। शर्तों के तहत को ईरान 2030 तक परमाणु हथियारों के लिए ईंधन तैयार नहीं कर पाता।

ट्रंप: हम अब तेल और प्राकृतिक गैस के सबसे बड़े उत्पादक हैं। हम आत्मनिर्भर हैं और हमें मध्य पूर्व के तेल की जरुरत नहीं है।
सच्चाई: अमेरिका ओबामा के समय 2013 में ही तेल और प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा उत्पादक बन चुका था। जनवरी 2019 में सरकार ने कहा था कि तेल उत्पादन आयात से ज्यादा होगा। पर, 2018 में अमेरिका ने रोज 15 लाख बैरल तेल आयात किया।

ट्रंप: मेरे शासन में सेना पुनर्गठन पर 2.5 खरब डॉलर खर्च हुए।
सच्चाई: हकीकत में 2.5 खरब डॉलर चार सालों का कुल रक्षा बजट है। सैन्य पुनर्गठन का दावा भी गलत है। सच है कि ट्रंप ने युद्ध तैयारियों पर काफी निवेश किया, पर अमेरिकी सेना के लिए चुनौतियां कम नहीं हुईं।