भारत हुआ ताकतवर, इस देश ने भेजा खतरनाक हथियार , काँप उठी चीनी सेना…

भारत ने राफेल सौदे में करीब 710 मिलियन यूरो विमानों के हथियारों पर खर्च किए हैं। पूरे सौदे की कीमत 59 हजार करोड़ रुपये है। इसमें से 18 लड़ाकू विमान गोल्डन एरो स्क्वाड्रन में शामिल हो जाएंगे।

फ्रांस में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू पायलट प्रशिक्षण के लिए पहले से ही सात राफेल लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारतीय वायुसेना को हर दो महीने में तीन से चार राफेल जेट दिए जाने की उम्मीद है।

तीन विमान जनवरी और फिर मार्च में 3, अप्रैल में 7 राफेल लड़ाकू विमान भारत को मिल जाएंगे। इस तरह अगले साल अप्रैल तक देश में विमानों की संख्या 21 हो जाएगी।

सभी 36 विमानों के साल के अंत तक वायुसेना के जल्द लड़ाकू बेड़े में शामिल होने की संभावना है। राफेल लड़ाकू विमान जून 1997 में रूसी सुखोई-30 के बाद 23 साल में भारतीय वायुसेना में शामिल होने वाला पहला लड़ाकू विमान है।

राफेल के तीन और लड़ाकू विमान आज भारत पहुंचेंगे। तीनों विमान फ्रांस से नॉन स्टॉप उड़ते हुए सीधे गुजरात के जामनगर एयरबेस पर पहुंचेंगे। तीनों विमान का रास्ते में कोई ठहराव नहीं होगा।

यात्रा के दौरान उन्हें फ्रांसीसी और भारतीय टैंकरों द्वारा आकाश में ही ईंधन दिया जाएगा। तीनों के जामनगर में एक दिन के ब्रेक के बाद अंबाला पहुंचने की उम्मीद है।

इससे पहले 28 जुलाई को पांच राफेल भारत पहुंचे थे और 10 सितंबर को अंबाला में आधिकारिक तौर पर विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। राफेल विमान मिल जाने से भारतीय वायु सेना की ताकत में बहुत बड़ा इजाफा हुआ है।