भारत की इस ज़मीन पर कब्जा करना चाहता है चीन, उठाना पड़ा…

गलवान घाटी के जिस इलाके को लेकर इन दिनों विवाद चल रहा है वो भारत के उत्तरी इलाके में सुदूर, बेहद संकरे और कटीले पहाड़ों और तेजी से बहती नदियों के बीच स्थित है, यह क्षेत्र लगभग 14,000 फीट (4,250 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है और तापमान अक्सर शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे ही रहता है.

 

सैन्य विशेषज्ञों के मुताबिक मौजूदा फेस-ऑफ का सबसे प्रमुख कारण भारत का ट्रांसपोर्ट लिंक को बेहतर बनाने के लिए सड़कों और हवाई अड्डों का निर्माण करना है. चीन इस इलाके में भारत की मजबूत स्थिति से पूरी तरह बौखलाया हुआ है. बता दें कि एलएसी के किनारे चीन ने पहले ही मजबूत बुनियादी ढांचा बना लिया है.

वहीँ जब ऐसे में भारत के सीमाई क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर चीन बुरी तरह भड़का हुआ है. चीन को लग रहा है कि इससे इन दुर्गम इलाकों में भी भारत भारी पड़ सकता है. भारत की इस तैयारी से दोनों देशों के बीच जो सैन्य ताकतों का फासला है वो भी कम हो सकता है.

वहीँ ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिरकार गलवान घाटी में चीन भारत की जमीन पर क्यों कब्जा करना चाहता है. दरअसल, अक्साई चिन पर हमेशा से भारत का दावा रहा है लेकिन इस इलाके में चीन ने कब्जा कर रखा है. यह पठारी क्षेत्र है. इस इलाके में चीन सामरिक तौर पर अपनी मौजूदगी और मजबूत करना चाहता है इसलिए वो इसके आगे के हिस्सों पर भी अपना कब्जा चाहता है.

लद्दाख के गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीनी सेना के बीच मई महीने के शुरूआती हफ़्तों से ही तनाव की शुरुवात हो चुकी थी. हालांकि सरकार इस बात से इनकार करते हुए आ रही थी. बता दें कि जून में यह तनाव चरम पर पहुंच गया और हिंसक झड़प में जहां भारत के 20 वीर जवान शहीद हो गए वहीं चीन को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा.