भारत ने शुरू की ये नई तैयारी, देख जिनपिंग के उड़े होश

हांगकांग में नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ‘धर्मनिरपेक्षता, तोड़फोड़, आतंकवाद और विदेशी शक्तियों के साथ मिलीभगत’ के लिए लोगों को अपराधी मानता है। कानून के तहत दोषी पाए गए लोगों को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

चीन द्वारा 30 जून को नए सुरक्षा कानून के लागू होने के ठीक एक दिन बाद हांगकांग पुलिस ने अपनी पहली गिरफ्तारी की। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हांगकांग पुलिस ने 180 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया, क्योंकि प्रदर्शनकारी शहर में ब्रिटिश शासन की 23वीं वर्षगांठ और ब्रिटिश शासन की समाप्ति की वर्षगांठ मनाने के लिए एकत्र हुए थे।

भारत के राजदूत और जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि राजीव कुमार चंदर ने यूएन से इस मुद्दे पर चिंताओं को गंभीरता और निष्पक्ष रूप से संबोधित करने की अपील की।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत हांगकांग में हाल के घटनाक्रमों पर कड़ी नजर रखे हुए है। बड़े भारतीय समुदाय को देखते हुए जो हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र पर अपना कब्‍जा करने वाले चीन के कानून के बाद भारत हाल के घटनाक्रमों पर कड़ी नजर रखे हुए है।

हमने इन घटनाक्रमों पर चिंता व्यक्त करते हुए कई बयान सुने हैं। हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष इसमें कदम उठाएंगे। चंदर ने संयुक्त राष्ट्र में जिनेवा में एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘इन विचारों को ध्यान और गंभीरता व सही तरीके से संबोधित करें।’

लद्दाख में चीन की चाल को हर तरह से नाकाम करने के लिए भारत ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए भारत ने यूएन में हांगकांग का मुद्दा उठाकर शी जिनपिंग पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

चीन ने हांगकांग को लेकर एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित किया है, जिसमें विदेशी ताकतों के साथ अलगाव, तोड़फोड़, आतंकवाद जैसे मामलों में लोगों को गिरफ्तार कर आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा सकती है।