चीन में आया ये बड़ा खतरा, जानकर छूटे लोगो के पसीने

चीनी यूनिवर्सिटियों और चीन के बीमारी नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के वैज्ञानिकों ने यह रिसर्च की है। 2011 से 2018 तक वैज्ञानिकों ने चीन के 10 अलग अलग प्रांतों के बूचड़खानों से सूअरों की नाक से तीन हजार से ज्यादा टेस्ट नमूने लिए फि।र एक पशु चिकित्सालय में स्वाइन फ्लू के 179 वायरसों को अलग अलग किया गया।

इन वायरसों में रिसर्चरों को एच1एन1 के ‘जी4’ के प्रमाण मिले, जो महामारी फैलाने वाले वायरसों में मिलता है। इसके बाद रिसर्चरों ने कई अलग अलग प्रयोग किए।

इनमें नेवलों पर किए गए प्रयोग भी शामिल हैं, जो स्वाइन फ्लू के लक्षणों को इंसानों की तरह ही महसूस करता है।

टेस्टों के बाद रिसर्चरों ने पाया कि जी4 बेहद संक्रामक है और इंसानी कोशिशाओं में तेजी से फैलता है। इससे नेवलों में अन्य वायरसों की तुलना में कहीं ज्यादा लक्षण सामने आए।

चीन के सूअर फार्मों में एक नया वायरस मिला है। रिसर्चर कहते हैं कि इस वायरस में भी महामारी फैलाने की क्षमता हो सकती है। एंटीबॉडी टेस्ट से पता चला है कि लगभग दस प्रतिशत सूअर फार्म नए वायरस से संक्रमित हैं।

अमेरिकी साइंस जर्नल ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस’ में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि नया वायरस भी महामारी की वजह बन सकता है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस से तुरंत कोई खतरा नहीं है।

अमेरिकी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के लेखक कहते हैं कि यह वायरस इंसानों के लिए ज्यादा संक्रामक हो गया है और इसके संभावित ‘महामारी वायरस’ बनने की सूरत में इस पर नजर रखने की जरूरत है।  हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, चीन में रिसर्चरों ने एक नए तरह के स्वाइन फ्लू वायरस का पता लगाया है।