चीन को टक्कर देने के लिए भारत ने बनाया ये नया प्लान, पहले से भीं मजबूत…

सूत्रों ने कहा, चीन के साथ सभी संभावित चुनौतियों पर उच्चस्तरीय मंथन किया गया है। भारत सरकार सभी जल, थल सीमाओं पर पहले से सुरक्षा मजबूत करने की योजना के मद्देनजर इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर काम कर रही थी, लेकिन गलवान की घटना के बाद सभी योजनाओं को गति देने पर सहमति बनी है।

 

सूत्रों ने कहा कि अंडमान में अगले दस साल की योजना पर काम हो रहा था। इसके लिए 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा की सुरक्षा योजनाओं पर गौर किया गया था। लेकिन जिस तरह से चीन की हरकत बढ़ी है उससे उसे कुछ जरूरी बदलाव जल्द ही देखने को मिलेंगे।

इसके लिए सरकार अपने बजट को भी लचीला रखेगी, जिससे जरूरत के मुताबिक आवंटन किया जा सके। अंडमान और निकोबारैंड, देश की एकमात्र एक ऐसी सैंड है, जिसके पास आर्मी, नेवी, एयरफोर्स और कोस्ट गार्ड आते हैं।

भारत ने तय किया है कि वह अपनी तैयारियों को हर संवेदनशील बिंदुओं पर अपग्रेड करेगा, जहां चीन अपना प्रभाव बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र में अतिरिक्त युद्धपोत, विमान, ड्रोन, मिसाइल बैटरी आने वाले दिनों में तैनात किए गए डिब्बे हो सकते हैं।

हजारों करोड़ की महत्वाकांक्षी योजना को समयबद्ध तरीकेक़े से लागू करने पर चर्चा चल रही है। इसके तहत निगरानी की व्यवस्था और दुश्मन की किसी हरकत का जवाब देने की रणनीति शामिल है। सूत्रों ने कहा, सुरक्षा संसाधनों में भारी वृद्धि की योजना बनाई गई है।

चीन के साथ सीमा तनाव के बीच सरकार का ध्यान अंडमान निकोबार द्वीप समूह में समुद्री सुरक्षा पर भी टिक गया है। खुफिया इनपुट औ में सहयोगी देशों से चीन की योजनाओं के बारे में मिल रही सूचना के आधार पर इस इलाके में चीन की शक्ति को टक्कर देने के पूरे प्लान पर उच्च स्तरीय चर्चा की गई है।