चीन से तनाव के बीच भारत ने बढाई अपनी ताकत, देख पाकिस्तान के छूटे पसीने

भारत, अमेरिका के रणनीतिक सुरक्षा साझेदार के रूप में उभर रहा है. खासतौर से चीन को लेकर ये साझेदारी और मजबूत हुई है. हालांकि, इस डील को लेकर अभी किसी तरह कि आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.

भारतीय रक्षा मंत्रालय और जनरल एटॉमिक्स के प्रवक्ताओं ने मामले पर अभी कुछ नहीं कहा है. वहीं, पेंटागन अधिकारियों की तरफ से डील को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है.

MQ-9B ड्रोन 48 घंटों तक उड़ान भर सकता है. साथ ही ये अपने साथ 17 किलोग्राम तक का वजन भी लेकर काम कर सकते हैं. इनके शामिल होने के बाद भारतीय सेना दक्षित भारतीय महासगर में चीनी युद्धपोतों पर बेहतर तरीके से निगरानी कर सकेगी. इसके अलावा हिमालय में भारत-पाकिस्तान सीमा के विवादित क्षेत्र में भी सेना को काफी मदद मिलेगी.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारी बताते हैं कि देश अगले महीने 3 बिलियन डॉलर की डील को मंजूरी देगा. इस डील में 30 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन शामिल होंगे.

इनका निर्माण सेन डिएगो स्थित जनरल एटॉमिक्स में होगा. इन सशस्त्र ड्रोन्स के भारतीय सेना में शामिल होने के बाद सुरक्षा स्तर पर सेना की ताकत में खासा इजाफा होगा.

चीन (China), पाकिस्तान (Pakistan) जैसे पड़ोसी मुल्कों से सीमा पर तल्ख संबंधों का सामना कर रहा भारत (India) लगातार अपनी ताकत में इजाफा कर रहा है.

अब भारत सीमा पर चौकसी और सुरक्षा बढ़ाने के लिए अमेरिका से 30 सशस्त्र ड्रोन (Armed Drones) खरीदने का विचार कर रहा है. खास बात है कि इससे पहले सीमा पर ड्रोन्स का इस्तेमाल निगरानी और गतिविधियों की जानकारी जुटाने के लिए किया जाता था. भारत ने कुछ समय पहले ही अमेरिका से दो ड्रोन लीज पर लिए थे.