भारत को वैक्सीनेशन के लिए करना होगा ये काम, दूसरे देशों के साथ मिलकर…

पूरा देश इस वक्त कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है. हर रोज 3 लाख के ऊपर नए मामले सामने आ रहे हैं वहीम मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है.

केंद्र सरकार के मुताबिक, देश में 24 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां 15 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है. 10 राज्यों- गोवा, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में पॉजिटिविटी रेट 25 फीसदी से अधिक है, जो चिंताजनक है.

बात करते हुए देश में आई कोरोना की दूसरी लहर पर फौसी ने कहा, ”संक्रमित लोगों के इलाज के लिए पर्याप्त सुविधा देना ऐसा मुद्दा था जिसपर तुरंत एक्शन लिया जाना था. अमेरिका ने उस समय ऑक्सीजन, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन जेनरेटर, पीपीई और रेमडेसिवीर से जैसी चीजों के साथ मदद की. लेकिन फिर लॉन्ग रन के हिसाब से देखें तो आपको ये सोचना होगा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन कैसे दी जाए.

डॉ फौसी ने और भी कई मुद्दों पर बात की. जब उनसे अमेरिका से भारत की यात्रा दोबारा शुरू करने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ये संक्रमण की स्थिति पर निर्भर करता है. भारत में इस समय संक्रमण दर काफी ज्यादा है और इसका मतलब ये है कि भारत के लिए यात्रा दोबारा शुरू करना इस वक्त बेहद मुश्किल है.

अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ और वाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथोनी फौसी (Dr Anthony Fauci) ने कहा है कि भारत में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए बाकी देशों से सहयोग लेना चाहिए.

भारत को बेहतरीन वैक्सीन निर्माताओं में से एक बताते हुए फौसी ने कहा भारत एक बड़ी आबादी वाला देश है. ऐसे में कुछ फीसदी लोग ही ऐसे हैं जिन्होंने वैक्सीनेशन की दोनों डोज लेली हैं.

वहीं 10 फीसदी या उससे कुछ ज्यादा लोगों ने पहली डोज ली है. ऐसे में वैक्सीनश की प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाने के लिए भारत को बाकी देशों और दूसरी कंपनियों के साथ मिलकर तैयारी करनी होगी.