भारत और चीन के बीच हो सकता है ये, तैनात किए मिसाइल दागने वाले टैंक

भारत और चीन ने पहले पूरी तरह पीछे हटने और फिर सैनिकों की संख्या घटाने का फैसला किया है। इस बीच भारतीय सेना अक्साई चिन में पीएलए के टैंकों, एयर डिफेंस रडार और जमीन से हवा में मार करने वाले मिसाइलों की तैनाती पर नजर रख रही है।

 

नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कमांडर्स ने बताया कि सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया चलने के साथ दोनों पक्ष एक दूसरे के मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं।

पेट्रोलिंग पॉइंट्स 14, 15, 16, 17 और पैंगोंग त्सो फिंगर एरिया में चीनी आक्रामकता के बाद सेना ने आर्मर्ड पर्सनल कैरियर्स (एपीसीएस) या इन्फेंटरी कॉम्बैट वीइकल्स (पैदल सेना का मुकाबला करने वाले वाहन), एम 777 155mm होवित्जर और 130 mm गन्स को पहले ही डीबीओ भेज दिया था।

दौलत बेग ओल्डी में भारत का आखिरी आउटपोस्ट 16 हजार फीट की ऊंचाई पर है, जो काराकोरम पास के दक्षिण में और चिप-चाप नदी के किनारे है।

यह गलवान श्योक संगम के उत्तर में है। चूंकि दरबुक-श्योक-डीबीओ रोड पर कई पुल 46 टन वजनी T-90 टैंक्स का भार वहन नहीं कर सकते हैं इसलिए सेना ने गलवान घाटी हिंसा के बाद विशेष उपकरणों के जरिए इन्हें नदी-नालों के पार भेजा।

इसके अलावा सैनिकों को ले जाने वाले बख्तरबंद वाहनों और फुल ब्रिगेड (4 हजार सैनिक) को दौलत बेग ओल्डी (DBO) पर तैनात किया है ताकि शक्सगाम काराकोरम पास एक्सिस से किसी चीनी आक्रामकता को रोका जा सके। इस मामले से जुड़े टॉप सैन्य सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी सहित कई इलाकों से पीछे हटने को मजबूर हुए चीन ने अक्साई चिन में पीएलए के करीब 50 हजार सैनिकों को तैनात किया है। चीन की नई चालबाजी और आक्रामकता का जवाब देने के लिए भारत ने पहली बार मिसाइल फायर करने वाले T-90 टैंक्स का स्क्वॉड्रन (12) तैनात कर दिया है।