भारत और चीन के बीच हो सकता है ये, अगले हफ्ते …

पिछली दो बैठकों में भारत ने चीन पर पूर्वी लद्दाख के सभी विवादित बिंदुओं से हटने के लिए दबाव बनाया। इनमें पैन्गोंग झील के दोनों किनारों समेत डेप्सांग में भी अप्रैल के पूर्व की स्थिति बहाल करने के लिए कहा गया।

 

चीन से भारत का साफ़ कहना है कि उसे पूरे लद्दाख के सभी विवादित बिंदुओं से हटना होगा। यह भी कहा गया है कि वह पहले आगे आया है, इसलिए वह पहले पीछे जाए।

चीन से फिंगर-4 से हटकर फिंगर-8 पर जाने को कहा गया। चीन ने कुछ निश्चित दूरी तक दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने के लिए वापसी का सुझाव दिया था लेकिन भारत ने इसे ख़ारिज कर दिया। आठवें दौर की वार्ता में रखे गए ‘फाइनल रोडमैप’ में चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा से 30 किमी. पीछे जाने को सहमत हुआ है।

छठे दौर की वार्ता में 21 सितम्बर को दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों के बीच मास्को में हुई बैठक के आधार पर गतिरोध खत्म करने के लिए एक रोडमैप मांगा गया था।

सातवें दौर की वार्ता में 12 अक्टूबर को चीन और भारत ने एक दूसरे को ‘टॉप सीक्रेट रोडमैप’ सौंपे। इस पर भारत के शीर्ष सैन्य, राजनीतिक, कूटनीतिक और चाइना स्टडी ग्रुप ने मंथन किया।

इसी तरह भारत के ‘टॉप सीक्रेट रोडमैप’ पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भी अपने देश के राजनैतिक नेतृत्व से इस पर सलाह-मशविरा किया। छह नवम्बर को हुई आठवें दौर की कमांडर स्तरीय वार्ता में भारत और चीन ने एक दूसरे के सामने ‘फाइनल रोडमैप’ रखा।

भारत और चीन के बीच अगले हफ्ते होने वाली 9वीं सैन्य वार्ता से अच्छी खबर मिलने की उम्मीद है। सातवें दौर की वार्ता में एक-दूसरे को सौंपे गए ‘टॉप सीक्रेट रोडमैप’ पर दोनों देश गतिरोध खत्म करने के करीब पहुंचे हैं।

आठवें दौर की वार्ता में चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा से 30 किमी. पीछे जाने को सहमत हुआ है जिसका, भौतिक सत्यापन करने के बाद भारत भी 15 किमी. पीछे जाने को तैयार है।

कमांडर स्तरीय वार्ता में बनी इन सहमतियों पर दोनों देशों का राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व मंथन करके ‘फाइनल रोडमैप’ तैयार कर रहा है, जिसके आधार पर अगली वार्ता में दोनों देशों के बीच कार्ययोजना तैयार होनी है।