सीमा पर बढ़ा तनाव, भारत को उलटे सीख दे रहा चीन, बिगड़ सकते हालात

इस मामले से जुड़े व्यक्तियों ने शनिवार को नई दिल्ली में कहा कि दोनों देशों के बीच हुई इस सैन्य वार्ता में कोई ठोस प्रगति दिखाई नहीं दी क्योंकि चीन का प्रतिनिधिमंडल ”पहले से तय सोच” के साथ वार्ता में शामिल हुआ.

इसके अलावा संघर्ष वाले शेष क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ने की दिशा में कोई लचीलापन नहीं दिखाया. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने दोनों देशों की सेनाओं के बीच नौ अप्रैल को हुई वार्ता को लेकर एक विज्ञप्ति जारी की.

फरवरी में पैंगोंग झील के अधिकतर विवादित इलाकों से सैनिकों की वापसी की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत को सीमा पर तनाव कम करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.

दोनों देशों के बीच शनिवार को 11वें दौर की वार्ता 13 घंटे तक चली. इसके बाद भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देपसांग में गतिरोध वाले शेष हिस्सों से सैनिकों की वापसी को लेकर विस्तृत चर्चा की. जमीन पर शांति बनाए रखने, किसी भी नए टकराव से बचने और शेष मुद्दों का हल ”तीव्र गति” से निकालने पर भी सहमति व्यक्त की.

सीमा पर तनाव पैदा करने वाला चीन उलटे भारत को सकारात्मक माहौल बनाने की सलाह दे रहा है. पूर्वी लद्दाख के शेष इलाकों से सैनिकों की वापसी को लेकर चीन-भारत के बीच हुई नए दौर की वार्ता असफल रही है.

इसके बाद चीन की सेना ने कहा है कि भारत को सीमा पर तनाव कम करने के ‘मौजूदा सकारात्मक माहौल’ का लाभ उठाना चाहिए. (Chinese Military says India should cherish positive trend of de escalation in eastern ladakh)