उत्तराखंड क्रांति दल में कलह, विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन से नाराज पदाधिकारियों ने शुरू किया…

उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन से नाराज पदाधिकारियों ने शीर्ष नेतृत्व को घेरना शुरू कर दिया है। केंद्रीय महामंत्री जयप्रकाश उपाध्याय, केंद्रीय सचिव उत्तम सिंह रावत, युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष दीपक रावत और धर्मपुर सीट से प्रत्याशी रहीं किरन रावत कश्यप ने प्रेसवार्ता कर शीर्ष नेतृत्व को मंथन की सलाह दी।

गांधी रोड स्थित द्रोण होटल में प्रेसवार्ता में उपाध्याय ने कहा कि यूकेडी जनता के जनादेश को स्वीकार करती है। राष्ट्रीय पार्टियों के पैतरों के आगे यूकेडी के प्रत्याशी ‘निहत्थे लड़ रहे थे। शीर्ष नेतृत्व ने प्रत्याशियों को निहत्थे ही चुनाव मैदान में भेज दिया था। कई प्रत्याशियों ने ईवीएम पर भी सवाल उठाए। हालांकि, यह भी सच है कि जनता ने यूकेडी नेतृत्व को स्वीकार नहीं किया। दल के शीर्ष नेता नेतृत्व दे पाने में विफल रहे। दल के नेता लकीर के फकीर बने रहे। जिस रूप में यूकेडी चुनाव लड़ती आई है, उसी तरह से राष्ट्रीय दलों का मुकाबला नहीं किया जा सकता।

यूकेडी के सर्वोच्च सलाहकार समिति सदस्य और राज्य आंदोलनकारी लताफत हुसैन ने विधानसभा चुनाव में दल के लचर प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने ऐरी को इस्तीफा भेजते हुए कहा कि शीर्ष नेताओं की उदासीनता, चुनाव से पूर्व जनता के बीच न जाना, अपने मुद्दे जनता के बीच न पहुंचा पाना हारने के कारण हैं। उन्होंने केंद्रीय अध्यक्ष को खुद भी इस्तीफा देकर केंद्रीय कार्यकारिणी भंग करने की सलाह दी। युवा वर्ग को कमान देने की मांग की।

उपाध्याय और किरन रावत कश्यप ने कहा कि शीर्ष नेताओं ने प्रत्याशियों को मंझधार में छोड़ दिया। दून में केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी कैंट प्रत्याशी अनिरुद्ध काला और धर्मपुर प्रत्याशी किरन रावत कश्यप के प्रचार में कुछ समय के लिए पहुंचे। बाकी प्रत्याशियों के प्रचार की कमान प्रत्याशियों को खुद संभालनी पड़ी। उन्होंने पार्टी में शीर्ष स्तर पर बदलाव की मांग करते हुए कहा कि वे पार्टी फोरम पर भी अपनी बात रखेंगे।