सबरीमाला मंदिर मामले में केरल सरकार ने कह दिया दो टूक, सुरक्षा देने की कोई योजना नहीं

सबरीमाला मंदिर मामले में केरल सरकार ने दो टूक कह दिया है कि वह मंदिर में जाने वाली महिलाओं को नहीं रोकेगी, लेकिन उन्हें सुरक्षा देने की कोई योजना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यह मामला सात जजों की पीठ को सौंप दिया है। शीर्ष अदालत ने इससे पहले महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे दी थी। मगर फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाएं दायर हुईं, जिस पर अदालत ने फैसला सुनाते हुए इसे सात जजों की पीठ के पास भेज दिया।

केरल में मंदिर मामलों से जुड़े मंत्री काडाकंपाली सुरेंद्रन ने कहा कि प्रदेश सरकार मंदिर में प्रवेश करने वाली किसी भी महिला को सुरक्षा नहीं देगी। तृप्ति देसाई जैसी सामाजिक कार्यकर्ता सबरीमाला मंदिर को अपनी ताकत दिखाने का जरिया न समझें। अगर उन्हें पुलिस सुरक्षा चाहिए तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट से आदेश लाना होगा।

यहां आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री सुरेंद्रन ने आगे कहा कि सरकार महिलाओं को गेट तोड़कर मंदिर में घुसने के लिए प्रोत्साहित नहीं करेगी। मंदिर को यथास्थिति बनाए रखा जाए। सरकार शांति चाहती है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सबरीमाला में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मामले को दायर पुनर्विचार याचिका को बड़ी पीठ को सौंप दी थी।