भारत से तनाव के बीच चीन ने शुरू की ये नौटंकी, LAC पर किया…

चीन की नापाक हरकतों को सुलझाने के लिए भारत बातचीत का तरीका अपना रहा है। मगर ड्रैगन अपने दोगलेपन से बाज नहीं आ रहा है। चीन हर बार भारत को युद्ध के लिए उकसाने की कोशिश कर रहा है।

वहीं पिछले छह महीने से भारत की सीमा पर चीन कब्जा कर के बैठा हुआ है। चीन को पीछे हटने के लिए भारत ने चीन के साथ सात बार बैठक कर चुका है। इन सात बार की बैठक के बाद भी कोई सफलता हाथ नहीं आई। लगातार भारत-चीन की बैठक के बाद भी चीनी सैनिक पीछे हटने को तैयार नहीं को रहे है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीन भारत को युद्ध करने के लिए उकसाने की कोशिश कर रहा है।

सूत्रों के हवाले से खबर है कि यह बैठक पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से से जुड़े मुद्दों पर हो सकती है। बता दें कि चीनी सेनाओं ने मई से ही अपनी छोटी-छोटी सैन्य टुकड़ियों के साथ गैर-कानूनी तरीके से सीमा पर कब्जा कर रखा है.

जिसे हटाने के लिए भारत बातचीत के तौर तरीके अपना रहा है। वहीं सूत्रों के मुताबिक, अगले हफ्ते पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर दोनों छोर से चीनी सैनिकों को पीछे हटने के लिए भारत-चीन के मध्य आठवीं बार मुलाकात हो सकती है। पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी भाग भारत के हिस्से में आता है, जिसे चीनी सैनिकों ने कब्जा कर रखा है।

भारत और चीन के बीच आए दिन सीमा विवाद बढ़ता ही जा रहा है, जिसे सुलझाने के लिए दोनों देशों के मध्य बातचीत लगातार जारी है। इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने खुद एलएसी (LAC) पर जाकर वहां का जायजा लिया।

सीमा विवाद को सुलझाने के लिए अब तक दोनों देशों के मध्य सात बार वार्तालाप हो चुकी है, तो वहीं सूत्रों के मुताबिक, एक बार फिर से भारत-चीन के बीच लद्दाख की पूर्वी सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बैठक हो सकती है।

इस बार की बैठक में भारत की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल पी.जी.के मेनन प्रतिनिधित्व करेंगे और उनके साथ विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव भी शामिल रहेंगे।