महाकाल मंदिर में कैलाश विजयवर्गीय के जाने से मचा हँगामा , जाने पूरा मामला

मंदिर के मुख्य पुजारी अजय पंडित मंदिर के दरवाजे के बाहर खड़े थे और करीब 45 मिनट तक उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली। पंडित का कहना है कि वीआईपी दर्शन ने मंदिर के प्रोटोकॉल को तोड़ा है।

 

भस्म आरती, जो सुबह 4 बजे से 5 बजे के बीच में होनी थी वो 4.30 बजे शुरू हुई। चूकि बीजेपी के नेता पूजाकर रहे थे इसलिए आरती की तैयारी करने में देर हुई। मंदिर प्रशासन ने वीआईपी मूवेंट को काफी गुप्त बना रखा था इसी वजह से मंदिर के सभी द्वार बंद थे। उन्होंने यह भी कहा कि ‘मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर वीआईपी दर्शन के मुद्दे को हल करने के विषय में बातचीत करूंगा।’

बताया जा रहा है कि वीआईपी नेताओं के मंदिर में आने के बाद अजय पंडित और संजय पुजारी को भी मंदिर के अंदर प्रवेश करने से रोका गया। मंदिर के पुजारी के मुताबिक विजयवर्गीय और कुछ अन्य लोगों ने सुबह करीब 3 बजे मंदिर में प्रवेश किया और गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना की। नागपंचमी के अवसर पर इन लोगों ने दूध और पानी भी चढ़ाया। मंदिर प्रशासन ने इस दौरान मंदिर में प्रवेश के सभी द्वार बंद कर दिये और सीसीटीवी कैमरों को बंद कर दिया।

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित मशहूर महाकाल मंदिर में भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के वीआईपी दर्शन के बाद हंगामा मच गया है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि वीआईपी दर्शन की वजह से मंदिर की सालों से चली आ रही परंपरा टूट गई और भस्म आरती में देरी हुई है।

मंदिर के मुख्य पुजारी अजय पंडित और संजय पुजारी ने इस मामले को उठाते हुए कहा है कि वीआईपी दर्शन की वजह से मंदिर में सालों से चली आ रही भस्म आरती की परंपरा टूटी है।

उनका आरोप है कि वीआईपी दर्शन की वजह से यह आरती आधे घंटे देर से शुरू हुई। बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय, उनके बेटे और भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय, बीजेपी विधायक रमेश मेन्डोला समेत अन्य लोगों की वजह से इस आरती में देरी हुई।