अंधविश्वास की आग में जले लोगो ने सूर्यग्रहण के दौरान तीन दिव्यांग बच्चों को गर्दन तक दफनाया व फिर…

भारत के दूर-दराज के गावों में अंधविश्वास किस कदर आज भी लोगों पर हावी है, इसकी एक बानगी गुरुवार को सूर्यग्रहण के दौरान देखी गई। जब परिजनों ने अपने दिव्यांग बच्चों को गर्दन तक दफना दिया। घटना कर्नाटक के कालाबुरागी ताजसुल्तानपुर गांव की है, जहां सूर्यग्रहण के लगने पर परिजनों अपने तीन दिव्यांग बच्चों को जमीन में गर्दन तक दफनाया। बताया गया कि दो घंटे से अधिक समय तक तीनों बच्च्चों को गड्ढे में दबाए रखा गया।ग्रहण समाप्त होने के बाद ही बच्चों को वापस निकाला गया। माता-पिता का मानना था कि ऐसा करने से उनके बच्चे विकृति से ठीक हो जाएंगे। गांव के ही रहने वाले एक व्यक्ति से जब घटना का पता चला तो जनवादी महिला संगठन की एक महिला कार्यकर्ता अश्विनी ने इसके बारे में संबंधित अधिकारियों को सूचित किया।

इसके बाद, पूर्व-विधायक बी आर पाटिल सहित कुछ लोगों की एक टीम मौके पर पहुंची और माता-पिता से बच्चों को बाहर निकालने के लिए कहा।

बता दें कि भारत में सूर्य ग्रहण एक धार्मिक महत्व रखता है और इस अवसर पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है। सूर्य ग्रहण गुरुवार सुबह लगभग 8:17 बजे शुरू हुआ और सुबह लगभग 11 बजे तक जारी रहा।