मस्जिदों में लौटने वाले श्रद्धालुओं को वायरस के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से लगाए गए नियमों का पालन करना पड़ेगा। इसमें दो मीटर की दूरी और बाथरूम को बंद करना भी शामिल है, जहां लोग प्रार्थना से पूर्व वुजू करते हैं।
जानकारी के अनुसार, एहतियाती उपायों में फेस मास्क पहनना और उपासकों द्वारा अपनी चटाई लाना शामिल है। इसके अलावा रविवार को सऊदी रेलवे ने फिर से ट्रेन सेवाएं शुरू कीं।
सूत्र के अनुसार तापमान की जांच समेत अन्य एहतियाती उपायों के साथ यात्रियों की सीटों को लेकर भी नियम बनाए गए हैं। सरकार ने पिछले सप्ताह अपनी लॉकडाउन में ढील देने की रणनीति का खुलासा किया था। यह रमजान के महीने के दौरान संक्रमण में वृद्धि के बाद ईद अल-फितर के दौरान लगाए गए 96 घंटे के कर्फ्यू के बाद सामने आयाा।
इसमें 28 मई से लागू कर्फ्यू को समाप्त करने के अलावा, निजी वाहनों द्वारा अंतर-प्रांतीय यात्रा को फिर से शुरू करना भी शामिल है। 21 जून से सभी प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे, लेकिन सार्वजनिक रूप से मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
सऊदी अरब ने कोरोना लॉकडाऊन हटाने के दूसरे चरण में मक्का को छोड़कर देश में 90 हजार मस्जिदें फिर से खोल दी हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मार्च के आखिर के बाद से पहली बार रविवार को नमाजियों को 90 हजार मस्जिदों में जमात के साथ सशर्त प्रार्थना करने की अनुमति दी गई। काबा और हरम मस्जिद के घर मक्का को कोरोना वायरस प्रतिबंध हटाने की योजना से बाहर रखा गया है।