हाल ही में पेंटागन ने कहा था कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में अपनी गतिविधियों को 4 मध्यम दूरी की मिसाइलें दागकर बढ़ा दिया है। आपको बता दें कि पिछले हफ्ते चीन की ओर से ये मिसाइलें हैनान द्वीपसमूह और पारासेल द्वीपसमूह के बीच वाले इलाकों में दागी गईं थीं।
बताया जा रहा है कि परमाणु हथियारों के जखीरे में इजाफा करने की इसी कड़ी में चीन इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों को भी शामिल करेगा। ये मिसाइलें अमेरिका तक मार करने में सक्षम हैं। 5 सालों में इन मिसाइलों की संख्या करीब 200 तक हो जाने की उम्मीद है।
पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीन की न्यूक्लियर ताकत अगले दशक में बेहद विकसित हो जाएगी। इस दौरान चीन जमीन, हवा और पानी से परमाणु हमला करने के अपने साधनों की संख्या में इजाफा कर लेगा।
अगले दशक में चीन के परमाणु युद्धक भंडार कम से कम दोगुने हो जाएंगे। चाइना के पास दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है, जिसमें लगभग 350 जहाजों और पनडुब्बियां शामिल हैं जबकि अमेरिकी नौसेना के पास साल 2020 में 293 जहाज हैं।
एक के बाद एक नापाक चाल के लिए बदनाम हो चुके चीन की अब एक और बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। चीन की इस बड़ी साजिश ने अमेरिका जैसे सुपर पावर देश को भी चौकन्ना कर दिया है।
क्योंकि अब चीन खुद को परमाणु हथियारों के क्षेत्र में दिन-बा-दिन मजबूत करने में लग गया है। इस बात का खुलासा खुद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने किया है।
विस्तारवादी नीति के साथ-साथ अब चीन खुद को परमाणु हथियारों के लिहाज से भी सुपरपावर बनाने में लगा हुआ है।पेंटागन की एक रिपॉर्ट में खुलासा हुआ है कि ड्रैगन अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को दोगुना कर रहा है।
जबकी रक्षा क्षेत्र में उसकी कई तैयारियां अमेरिका के बराबर हैं या उससे भी बेहतर है। चीन की इस तैयारी को देखकर क्या ये माना जाए कि चीन अब तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी कर रहा है।