दिल्ली में 200 से अधिक मुस्लिम परिवार ने किया ये, कहा पता नहीं कब क्या हो जाए…

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में तीन दिन तक चले खूनी संग्राम की सच्चाई सामने आ रही है. उपद्रवियों की क्रूरता के शिकार मरने वालों के शवों को पहचान पाना तक दूभर हो रहा है.

 

हालांकि हिंसा के गवाह इन शवों की आधिकारिक स्थिति पोस्टमार्टम के बाद ही सामने आ सकेगी लेकिन ऊपरी तौर पर शवों की स्थिति बहुत भयावह है. मोर्चरी के भीतर से पहली बार सामने आई हिंसा की सच्चाई के बाद डॉक्टर भी उपद्रवियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. शरीर का ऐसा कोई हिस्सा नहीं बचा, जिससे ठोस पहचान परिजन कर सकें. \

हाथ-पैर और नाखूनों के जरिये शवों की पहचान करनी पड़ रही है. उपद्रवियों ने किसी को गोली मारने के बाद जला डाला तो किसी को गोली मारने के बाद चाकुओं से गोद डाला.

दिल्ली मे हिंसा के बाद अब पलायन का दौर शुरू हो गया है. चांदबाग, मुस्तफाबाद, भजनपुरा, मूंगानगर, शेरपुर चौक, चंदूनगर,ब्रजपुरी, दयालपुर, शेरपुर, खजूरी में भय इतना है कि यहां से लोगों का जाना जारी है.

अब तक दो सौ से अधिक परिवार यहां से जा चुके हैं. चांदबाग के मुस्तफा, इलियास, चंदूनगर से हरीश, देवेद्र, खजूरी ये अलीमुद्दीन, मूंगानगर से श्याम का परिवार गांव की ओर कूच कर चुका है.

घरों में या तो ताला लगा है या फिर इक्का दुक्का लोग ही यहां मौजूद है. लोगों का कहना है की ऐसा डर का मंजर आज तक नहीं देखा और पता नहीं कब क्या हो जाए.

परिवार की जान बचाने के लिए उन्हें यहां से भेज दिया गया. चंदूनगर में हिंदू परिवारों के घरों पर ताले लटके हैं, तो चंदूनगर मस्जिद के पास मुस्लिम परिवार सुरक्षित ठिकानों की ओर जा चुके हैं.