हैरतंगेज! क्या सच में कोरोना महामारी में दावा से ज्यादा असर करती है दुआ, सच को जानकर खो बैठेंगे होश…

दुनियाभर में तेजी से फैले रहे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए वैज्ञानिकजहां दिन रात एक कर वैक्सीन तलाशने में जुटे हुए हैं, वहीं कुछ लोग अब भगवान  से प्रार्थना कर रहे हैं कि वह अपनी शक्ति से कोरोना का असर दुनिया से खत्म कर दें.

किसी भी मरीज के लिए निर्धारित मानक देखभाल प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. उन्हें 500-500 के दो समूह में बांटा जाएगा और प्रार्थना एक समूह के लिए की जाएगी.इसके अलावा किसी भी समूह को प्रार्थनाओं के बारे में नहीं बताया जाएगा.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान को उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक चार माह का यह अध्ययन, दूर रहकर की जाने वाली रक्षात्मक बहु-सांप्रदायिक प्रार्थना की कोविड-19 मरीजों के क्लीनिकल परिणामों में भूमिका की पड़ताल करेगा. बिना किसी क्रम के चुने गए आधे मरीजों के लिए पांच सांप्रदायिक रूपों – ईसाई, हिंदू, इस्लाम, यहूदी और बौद्ध धर्मों- में ‘सर्वव्यापी’ प्रार्थना की जाएगी.