मध्य प्रदेश में अभी – अभी हुआ ये, सभी नेताओं ने एक-दूसरे पर…

भाजपा, कांग्रेस, विधानसभा और राजभवन शह और मात के खेल के मुख्य किरदार बनकर उभरे हैं। इस सियासी उठापटक ने भोपाल से बेंगलुरु की दूरियां घटा दी हैं।

 

बहरहाल, कोर्ट क्या फैसला देगा ये तो बाद में पता चलेगा, लेकिन कमलनाथ सरकार को बचाने का दांव कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने चल दिया।

मध्यप्रदेश के नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप और वार-पलटवार का दौर जारी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से नैतिकता के आधार पर की इस्तीफे की मांग की हैं। साथ ही फ्लोर टेस्ट करवाने की मांग की हैं।

मध्य प्रदेश में सत्ता के लिए शुरू हुआ संघर्ष अब कानूनी दांव-पेंच में उलझता नजर आ रहा हैं। बीजेपी फ्लोर टेस्ट कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है तो कांग्रेस ने भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैं।

वहीं सोमवार शाम बीजेपी ने 106 विधायकों की राज्यपाल के सामने परेड कराई थी। फिलहाल, पार्टी के सभी विधायक सीहोर के एक रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं। राज्यपाल से फिर मिलने पहुंचे निकले तो फिर दुहराया कि सरकार अल्पमत में हैं।

मध्य प्रदेश में पिछले कई दिनों से सियासी ड्रामा चल रहा हैं। सत्ता के लिए बीजेपी और कांग्रेस में कोर्ट और उससे बाहर जंग जारी हैं। मध्य प्रदेश में पिछले कई दिनों से सियासी ड्रामा चल रहा हैं। मध्य प्रदेश का राजनीतिक संकट अब संवैधानिक संकट में बदलता हुआ दिख रहा हैं।