कोडिंग (Coding) वो विषय है जो अब तक विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग के कोर्सेज के दौरान पढ़ाया जाता रहा है. लेकिन समय के साथ इसकी मांग हर क्षेत्र में बढ़ रही है.
इसलिए अब इस विषय को स्कूल स्तर के पाठ्यक्रम में भी शामिल किए जाने की कवायद प्रारम्भ हुई है. अब तेलंगाना सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कोडिंग की पढ़ाई प्रारम्भ करने की तैयारी कर रही है.
सूचना एवं प्रौद्योगिकी के प्रमुख सचिव जयेश रंजन के अनुसार, टीटा मेम्बर इस पायलट प्रोजेक्ट के दौरान इस योजना को प्रदेश स्तर पर लागू करने में आ सकने वाली चुनौतियों का आंकलन भी करेंगे.
इसके तहत एक एंट्री लेवल ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाया जाेगा. इसके बाद स्कूली विद्यार्थियों व एक शिक्षक को स्क्रैच प्रोग्रामिंग, एचटीएमएल व पायथॉन (HTML and Python) लैंग्वेजेज की पांच दिनों की ट्रेनिंग दी जाएगी.
टीटा अध्यक्ष ने बताया कि ‘ये प्रोजेक्ट विद्यार्थियों को नए कौशल से रूबरू कराएगा. स्कूल स्तर पर ही अगर वे कोडिंग सीखेंगे तो इससे उनमें समस्याओं का निवारण ढूंढने का कौशल (Problem Solving Skill) भी विकसित होगा. आंत्रप्रेन्योरशिप की क्षमता विकसित होगी.‘ उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के लिए अभी तेलंगाना के एक जिले के 33 सरकारी स्कूलों से तीन-तीन विद्यार्थियों को चुना गया है. यानी इस दौरान कुल 99 छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा.