भारत में फंसे अपने नागरिकों के लिए ऑस्ट्रेलिया ने शुरू किया ये, होटल में रखा गया…

ऑस्ट्रेलिया के लगभग 10,000 स्थायी निवासी भारत से स्वदेश लौटना चाहते हैं। इनमें से लगभग 1,000 को जोखिम में माना गया है और उन्हें स्वदेश जाने वाली उड़ानों में सवार होने में प्राथमिकता दी गई है।

 

ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मॉरिस पायने ने कहा कि यात्रियों को यह सुनिश्चित करने के लिए एक सख्त पृथकवास से गुजरना होगा कि वे भारत में सामने आये कोविड-19 के नये स्वरूप से संक्रमित नहीं हैं।

उच्चायुक्त ने कहा कि इन सभी यात्रियों को ऑस्ट्रेलिया वापस जाने के लिए आवश्यक जांच नियमों से अवगत कराया गया था। उन्होंने कहा, ”जाहिर तौर पर मैं निराश हूं क्योंकि वे सभी ऑस्ट्रेलियाई हैं, जो आज की उड़ान में नहीं जा पाएंगे।

मेरी टीम ने पूरे भारत में उन्हें इस उड़ान पर बुकिंग कराने के लिए कड़ी मेहनत की है, क्योंकि वे जोखिम में थे।” ओ फैरेल ने कहा कि जो भी जांच में संक्रमित पाये गए हैं, उन्हें भी जोखिम में माना जाएगा और भविष्य की उड़ानों में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।

भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल के अनुसार शुक्रवार को पहली उड़ान में कई यात्रियों को सवार होने की इजाजत नहीं दी गई क्योंकि कोविड-19 जांच में उनके संक्रमित होने का पता चला।”

शुक्रवार रात नयी दिल्ली से रवाना होने वाली उड़ान की 150 सीटों में से लगभग आधी खाली रह जाएंगी, क्योंकि 40 से अधिक व्यक्ति जांच में संक्रमित पाये गए हैं, जिसका अर्थ है कि वे और उनके करीबी – कुल लगभग 70 व्यक्ति- विमान से नहीं जा पाएंगे।”

ओ फैरेल ने कहा कि जिन लोगों का उड़ान में जाना निर्धारित था उन सभी को होटल में रखा गया था जिसका खर्च सरकारी क्वान्टास एयरवेज द्वारा वहन किया गया था, ताकि वे उड़ान से पहले की जांच से गुजर सकें और दूसरे दौर की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आयी है।

भारत में कोविड-19 स्वास्थ्य संकट के कारण दो सप्ताह के प्रतिबंध के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भारत में फंसे अपने नागरिकों की स्वदेश वापसी के लिए उड़ानें शुक्रवार से फिर से शुरू कर दीं।

लेकिन भारत में ऑस्ट्रेलिया के कई ऐसे नागरिक ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा शुरू की गई एक उड़ान से शुक्रवार को स्वदेश नहीं लौट पाएंगे क्योंकि वे या तो कोविड​​​​-19 से संक्रमित थे या उनके बारे में आशंका थी कि वे किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आये थे। यह बात एक शीर्ष ऑस्ट्रेलियाई राजनयिक ने कही।