बाबा रामदेव के खिलाफ दर्ज हुई FIR, वजह जानकर लोग हुए हैरान

बाबा रामदेव समेत चार अन्य के खिलाफ बलराम जाखड़ ने मुकदमा दर्ज कराया है।एफआईआर आईपीसी की धारा 420 सहित विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है।

 

जयपुर के ज्योति नगर पुलिस स्टेशन में शुक्रवार को रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण, वैज्ञानिक अनुराग वार्ष्णेय, NIMS के चेयरमैन बलबीर सिंह तोमर और निदेशक अनुराग तोमर के खिलाफ “कोरोनिल” के रूप में भ्रामक प्रचार करने के आरोप में दवा के रूप में दर्ज किया गया है।

वहीं दूसरी ओर राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार के लिये पंतजलि आयुर्वेद द्वारा बनाई गई दवा के ‘क्लीनिकल ट्रायल’ करने को लेकर निम्स अस्पताल को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।

जयपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ नरोत्तम शर्मा ने बताया कि हमने बुधवार को अस्पताल को नोटिस जारी कर तीन दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा है। अ

अस्पताल ने कथित ‘क्लीनिक्ल ट्रायल’ के बारे में राज्य सरकार को कोई सूचना नहीं दी और ना ही इस बारे में सरकार से कोई अनुमति ली गई। उन्होंने बताया कि अस्पताल के जवाब की प्रतीक्षा की जा रही है।

राज्य सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि आयुष मंत्रालय की बिना स्वीकृति के किसी दवा का उपयोग नहीं किया जा सकता है। राजस्थान के जयपुर में योग गुरु बाबा रामदेव, पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण और तीन अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है।

इसमें आरोप लगाया गया कि बाबा रामदेव संक्रमण के इलाज के रूप में पतंजलि आयुर्वेद की दवा कोरोनिल का प्रचार करके लोगों को “गुमराह” कर रहे थे।

मंगलवार को योग गुरु रामदेव द्वारा कोरोनिल दवा की लॉन्चिंग ने एक बहस छेड़ दी। जिसके बाद आयुष मंत्रालय ने इसके परीक्षण पर सभी जानकारी मांगी और पतंजलि की कोरोनिल दवा को के विज्ञापन पर रोक लगा दिया।