उत्तराखंड में बढ़ती जा रही जंगल की आग , कई इलाकों में फैला खौफ

वन मंत्रालय का अनुमान है कि दो तीन दिन अब बारिश नहीं होने पर फिर से कई और केस सामने आ सकते हैं। 12 अप्रैल से फिर वर्षा का अनुमान है और दो दिन में आग के केसों को नियंत्रित रखा गया तो हानि पर बहुत हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है।

प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी का कहना है कि वनाग्नि के केसों को लेकर निरंतर सतर्कता बरती जा रही है। प्रभागीय वन अधिकारियों के स्तर पर निगरानी करने में लगी है, और नोडल अधिकारियों को भी कहा गया है कि क्रू स्टेशनों का मौका मुआयना करें।

वन मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार शनिवार को गढ़वाल मंडल में 6 और कुमाऊं मंडल में जंगल की आग का कुल मिलाकर एक ही केस सर्ज किया जा चुका है। कुमाऊं में आरक्षित वन क्षेत्र में एक भी केस सामने नहीं आया।

गढ़वाल मंडल के आरक्षित वन क्षेत्र में कुल मिलाकर चार केस सामने आए। अप्रैल में अभी तक का यह सबसे कम हानि हुई है। पिछले 9 दिनों में वनाग्नि के कुल 757 केस सामने आए थे और 1188 हेक्टेयर क्षेत्र जंगल की आग से प्रभावित हुई था। वन मंत्रालय का मानना है कि सक्रिय आग के केसों पर नियंत्रण पाने और नए केसों के सामने न आने की वजह से संभव हो पाया है।

जंगल की आग के केस में वन मंत्रालय के लिए बीते 12 घंटे बहुत राहत वाले रहे है। वन मंत्रालय की ओर से जारी फायर बुलेटिन के अनुसार वनाग्नि के कुल 7 ही केस सामने आए और तकरीबन 2.88 हेक्टेयर वन क्षेत्र ही प्रभावित हुआ।

अप्रैल में वनाग्नि के यह सबसे कम केस हैं।
नई टिहरी के जंगलों में देर रात भीषण आग लगी। यह आग एक हेक्टेयर जंगल में फैलने लगी। जानकारी पर पहुंची वन विभाग की टीम आग बुझाने में लग गई।