यह खेती क‍िसानों को बना रही है लखपत‍ि, सरकार की तरफ से मिल रहा ये…

चिकनी डुमरिया के पूर्व मुखिया अजीत झा कहते हैं कि उनके गांव में 15-20 किसान गेंदा ,चेरी और गुलाब फूल की खेती करते हैं. फूल के खेती ने इन किसानों की जिन्दगी में खुशहाली भर दी है. हालांकि बाढ़ के कारण कई बार फूल की खेती चौपट हो जाती है जिसका खामियाजा इन किसानो को भुगतना पड़ता है.

वहीं के नगर के प्रखंड उद्यान पदाधिकारी सुनील कुमार झा कहते हैं कि राज्य बागवानी मिशन के एनएचएम योजना के तहत फूलों की खेती में 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाता है.

पूर्णिया के कई किसान इसका लाभ भी उठाते हैं. उन्होंने कहा कि अगर सही तरीके से फूल की खेती की जाय तो इसमें अच्छी आमदनी है.एक तरफ जहां सीमांचल के किसान इन दिनों बड़े पैमाने पर मक्का की खेती करते हैं .

वहीं कुछ किसान फूल की खेती कर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं. ऐसे में जरुरत है सरकार इन किसानों क‍ि आर्थिक मदद करें ताकि इनकी जिन्दगी भी फूलो की तरह खिल सके.

पूर्णिया के चिकनी डुमरिया गांव के खेतों में इन दिनों गेंदा और चेरी फूल लहलहा रहे हैं. गांव के 15 किसान फूलों की खेती कर अच्छी आमदनी कमा रहे है. किसान जमविलास और राम सुन्दर सरकार ने कहा कि उनके गांव में करीब 15 किसान गेंदा और चेरी फूल की खेती कर रहे हैं.

इसमें उन्हे पांच कट्ठा में करीब 50 हजार रुपये तक आमदनी होती है. हालांकि फूल की खेती में मेहनत और खर्च काफी लगता है. वेलोग फूल तोड़कर इसका माला गुंथवाते हैं.

इसके बाद पूर्णिया, बनमनखी और अन्य बाजारों में फूल बेचते हैं. सबसे अधिक शादी विवाह, पर्व त्योहार और चुनाव के मौसम में फूल का काफी मांग होता है.

ब‍िहार के पूर्णिया में फूल की खेती किसानों की किस्मत बदल रही है. धमदाहा अनुमंडल के कुछ किसान फूल की खेती कर प्रति एकड़ कमा रहे हैं लाखों रुपये. हालांकि सरकार भी फूल की खेती को बढ़ावा देने के लिये सरकारी अनुदान भी दे रही है.