नवरात्रि में प्रतिदिन एक माला जाप से दूर होंगी सारी बाधाएं, जाने क्या है मंत्र

अश्वनि मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व का आरंभ हो चुका है। इन नौं दिनों को धार्मिक दृष्टि से बेहद ही शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के नौ दिनों तक मां भवानी पृथ्वी लोक का भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों के दुखों को हरती हैं।

यदि इन दिनों में यदि कोई उपाय,अनुष्ठान या मंत्र जाप किया जाए तो वह अवश्य फलित होता है। मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना गया है। वे अपने भक्तों के जीवन की प्रत्येक बाधा को दूर करती हैं व भटकों को भी सही राह दिखाती हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना के लिए धार्मिक ग्रंथों में कई मंत्र बताए गए हैं। जाप करने से प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा करती हैं।

इन मंत्रों में से आदिशक्ति जगदंबा के नर्वाण मंत्र का जाप करना बेहद ही प्रभावशाली माना गया है। मां की आराधना के लिए तो यह मंत्र प्रभावशाली है ही साथ ही में नवग्रह शांति के लिए भी ये महत्वपूर्ण माना गया है।

मान्यता के अनुसार इस मंत्र के जाप से नवग्रह शांत होते हैं, जिससे आपके जीवन में आने वाली बाधाओं का अंत होता है। तो चलिए जानते हैं कि क्या है नर्वाण मंत्र और कैसे करना चाहिए इसका जाप।

मां दुर्गा का यह मंत्र बेहद ही प्रभावशाली माना गया है। इस मंत्र में नौ अक्षर दिए गए हैं इसलिए इसे नर्वाण मंत्र कहा जाता है। इस मंत्र के नौ अक्षरों में नौं ग्रहों को शांत करने की शक्ति समाहित है।

नर्वाण मंत्र का प्रत्येक अक्षर नौ ग्रहों का प्रतिनिधित्व करता है। यह मंत्र सभी ग्रहों की अशुभता को दूर करता है और उन्हें अनुकूल बनाता है साथ ही इस मंत्र के जाप से मां दुर्गा की कृपा भी प्राप्त होती है।

यदि आपके जीवन में ग्रहों की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण समस्याएं बनी हुई हैं तो नवरात्रि के दिनों में प्रतिदिन इस मंत्र का कम से कम एक माला जाप अवश्य करना चाहिए।

इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना उत्तम रहता है। दुर्गा सप्तशती में इस मंत्र के आगे ‘ऊं’ अक्षर जुड़ जाता है। जिससे यह दशाक्षरी मंत्र बन जाता है। ऊं अक्षर के साथ भी इस मंत्र का जाप करना उतना ही लाभकारी रहता है।