किन्नरों से भूलकर भी न ले ये, वरना हो जाएँगे…, जानिए इसके पीछे का कारण…

किसी किन्नर को कुछ रुपए देकर बदले में उस से सिक्का लेकर इसे पर्स में या तिजोरी में रखना चाहिए इस से धन धान्य की प्राप्ति होती है। लेकिन ये बात ध्यान रखें कि वो सिक्का किन्नर ने आपको ख़ुशी ख़ुशी दिया हो। कहते हैं कि जब तक वो सिक्का आपके पास रहेगा तब तक धन की कभी कोई कमी नहीं आएगी और पैसा दिन-दून रात चौगुना बढ़ने लगेगा।

 

इसके अलावा कभी किसी किन्नर से कोई शाप भी नहीं लेना चाहिए। अगर कोई किन्नर किसी को शाप दे दें तो उसका विनाश सुनिश्चित है। अतः घर के बूढ़े-बुजुर्ग किसी भी किन्नर को दुख पहुंचाने से मना करते हैं।

भारतीय समाज में किन्नरों को जहाँ एक और बेहद सम्मान दिया जाता है और घर में कोई शुभ अवसर होने पर उन्हें बुलाया जाता है और दान दिया जाता हैं वहीं दूसरी तरफ उन्हें विभिन्न प्रकार की सामाजिक कुरीतियों तथा बंधनों में बांधकर समाज से अलग भी रखा जाता है।

किन्नरों को वास्तव में वो अधिकार प्राप्त नहीं है जो होने चाहिए। लेकिन आपने ये भी सुना होगा कि किन्नरों से कभी बद्दुआ नहीं लेनी चाहिए। तो आखिर ऐसा क्यों कहा गया है? किन्नरों की बद्दुआ आखिर क्यों नहीं लेनी चाहिए।

रामायण कालीन ग्रंथों में इन्हें स्वर्गलोक में रहने वाला तथा नृत्य, गायन, संगीत आदि कलाओं का महारथी बताकर प्रशंसा भी की गई है। अर्जुन को भी अज्ञातवास के दौरान किन्नर बनने का संदर्भ दिया गया है।

भारतीय समाज में जब भी घर में कोई मंगल कार्य होता है जैसे कि शादी, जन्म या अन्य किसी प्रकार के शुभ कार्यों में किन्नरों को ससम्मान आमंत्रित कर इनसे आशीर्वाद लिया जाता है।