उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य के वन विभाग से कहा है कि वह वादा करे कि देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस वे बनाने के लिए जो 1,600 से ज्यादा साल के पेड़ गिराए जाने हैं उनकी जगह साल के दूसरे पौधे लगेंगे।
नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने कोर्ट को बताया कि उनकी योजना है कि उत्तराखंड से गुजरने वाले एक्सप्रेस वे के इस हिस्से को ऐलेवेटिड रोड़ की तरह खंभों पर बनाया जाए ताकि कम पेड़ काटने पड़ें।
चीफ जस्टिस आरएस चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की बेंच जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी। इनमें राजाजी नेशनल पार्क पर इस छह लेन के एक्सप्रेस वे की वजह से पड़ने वाले असर पर चिंता जताई गई थी।
पर्यावरणविदों ने गणेशपुर (यूपी) और देहरादून के बीच होकर गुजरने वाले इस एक्सप्रेस वे के 19.7 किलोमीटर के हिस्से से जुड़ी आशंकाओं उठाई थीं। एक्सप्रेस वे का यह पूरा हिस्सा जंगल के बीच से गुजरने वाला है।