माउंट एवरेस्ट पर हुई दो विदेशी पर्वतारोहियों की मौत, जानिए फिर क्या हुआ उनके साथ

कोरोनावायरस महामारी की वजह से पिछला पर्वतारोहण का सीजन पूरी तरह से बर्बाद हो गया था. लेकिन इस बार नेपाल ने ज्यादा संख्या में पर्वतारोहियों को आकर्षित करने के लिए क्वारंटीन के नियमों में छूट दी है.

यहां गौर करने बात ये है कि नेपाल में कोरोना के बढ़ते मामलों और मरीजों के इलाज की बेहतर व्यवस्था नहीं होने के बाद भी ऐसा किया गया है. गर्म मौसम में नेपाल में मौजूद बर्फ से ढके इस पर्वत पर चढ़ना इसलिए भी खतरनाक हो गया है, क्योंकि देश कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है. पिछले हफ्ते 30 बीमार पर्वतारोहियों को बेस कैंप से सुरक्षित बाहर निकाला गया. हालांकि, उनमें से सिर्फ दो ही कोरोना से संक्रमित पाए गए.

हाल के पर्वतारोहण वाले सीजन में एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पर्वतारोहियों की संख्या में बढ़ोतरी होते हुए देखा गया है. इस वजह से वहां काफी भीड़ हो जाती है और इसे ही यहां होने वाली मौतों का जिम्मेदार माना जाता है.

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नेपाल के पर्यटन मंत्रालय ने नए नियमों का ऐलान किया है. इसके तहत सीजन में कितने लोगों को पहाड़ पर चढ़ने की अनुमति दी जाएगी, इसे लेकर एक संख्या तय कर दी गई है. आमतौर पर अप्रैल-मई का महीना पहाड़ पर चढ़ने के लिए अनुकूल माना जाता है.

‘सेवन समिट ट्रेक’ के चांग दावा शेरपा ने बताया कि माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने के बाद स्विस पर्वतारोही की मृत्यु हो गई. उन्होंने कहा कि वह थकावट से पीड़ित था.

हमने ऑक्सीजन और खाने के साथ दो अतिरिक्त शेरपा को उसकी मदद के लिए भेजा, लेकिन दुर्भाग्य से हम उसे बचा नहीं पाए. आयोजकों ने बताया कि अमेरिकी पर्वतारोही हिलेरी स्टेप पर पहुंचा, लेकिन उसे स्नो ब्लाइंडनेस और थकान होने लगी. इसके बाद उसे नीचे लाया गया. पर्वतारोही कैंप 4 तक पहुंचने में कामयाब रहा, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई.

अमेरिका (America) और स्विट्जरलैंड (Switzerland) के दो पर्वतारोहियों (Climbers) की दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) पर मौत (Died) हो गई है.

इस साल पहाड़ पर चढ़ाई के इस सीजन में होने वाली ये पहली मौत है. नेपाल (Nepal) में अभियान आयोजकों ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. ‘सेवन समिट ट्रेक’ के मिंगमा शेरपा ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि बुधवार को दो पर्वतारोहियों की मौत हो गई.