कोरोना वायरस से ज्यादा भारत में होगी भुखमरी से मौत, सरकार की योजनाएं नहीं भर पाई गरीबों का पेट…

कोरोना संकट में में राजधानी दिल्ली से लेकर झारखंड; उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के सुदूर गांवों तक करोड़ों लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं।  खाद्य सुरक्षा कार्यकर्ता देश के हर नागरिक को पीडीएस के दायरे में लाए जाने की मांग करते रहे हैं। करोड़ों लोगों के पास न तो राशन कार्ड हैं और न ही आधार कार्ड।

लिहाजा इन लोगों को न तो पीडीएस के जरिये राशन मिल रहा और न ही सरकार द्वारा किए जा रहे तात्कालिक उपायों का फायदा मिल पा रहा है। सरकार ने लॉकडाउन के बाद राहत पैकेज के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये हर देशवासी को तीन महीने तक अतिरिक्त पांच किलो अनाज और एक किलो दाल मुफ्त में देने की घोषणा की थी। लेकिन करोड़ों गरीब जिनके पास राशन कार्ड नहीं है;

उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह बड़ी आबादी भोजन की मोहताज है। लॉकडाउन ने इनकी मेहनत-मजदूरी का भी रास्ता बंद कर दिया है। लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार गरीबों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों और आदिवासियों पर पड़ी है।