ऑक्सीजन न मिलने की वजह से कोरोना मरीजो की हुई मौत, आकड़ा जानकर चौक जायेंगे आप

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर सामान्य हवा से ऑक्सीजन तैयार करने वाली एक मशीन है, जो मरीजों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए एक बड़ा विकल्प है. देश में मुख्यत: दो बड़ी कंपनियां बीपीएल और फिलिप्स इसे तैयार करती है. ये ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर से काफी अलग होता है.

मेडिकल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की लागत कम (करीब 30 से 60 हजार रुपये) होती है. कुछ तो बेहद छोटे पोर्टेबल मशीन की कीमत 3 से 5 हजार भी होती है.

यह बिजली या बैटरी से चलता है. ऑक्‍सीजन सिलेंडर और रीफिलिंग की तुलना में यह सस्ता, सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प है. कंसंट्रेटर ऑक्सीजन के नए मॉलिक्यूल्स नहीं बनाते, बल्कि सामान्य हवा में से ही नाइट्रोजन को अलग कर देते हैं ताकि उसमें ऑक्सीजन बचे.

इस वक्त देश के कई अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं. इसी बीच 318 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Concentrator) एयर इंडिया के विमान (Air India) में अमेरिका से भारत के लिए रवाना कर दिए गए हैं. इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर दी.

नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह (Hardeep Singh Puri) पुरी ने ट्विटर पर लिखा कि हर व्यक्ति के बहुमूल्य जीवन को बचाने और कोरोना महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई को और मजबूत बनाने के लिए नागरिक उड्डयन क्षेत्र (Civil Aviation Sector) की ओर से किया गया यह एक प्रयास है.

जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रमना कुमारी के मुताबिक अस्पताल में ऑक्सीजन पर आश्रित 97 मरीजों में से 12 मरीजों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें ज्यादा ऑक्सीजन दिया जा रहा है.

अधिकारी ने बताया, ”तड़के दो से तीन बजे के करीब उच्च प्रवाह ऑक्सीजन की आपूर्ति में तकनीकी बाधा आ गयी जिसके चलते दो मरीजों की मौत हो गयी. बाकी मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेज दिया गया है.”

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के विजयनगरम में सरकारी अस्पताल में दो मरीजों की मौत का मामला सामने आया है. कोविड-19 के ये दोनों मरीज उच्च प्रवाह ऑक्सीजन के साथ वेंटीलेटर पर थे. हालांकि तकनीकी कारणों से उन्हें ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं हो पाई जिसके बाद सोमवार तड़के मौत हो गयी. अधिकारियों ने इस बारे में बताया.