क्रोमोपैथी में अब रंग बनेंगे आपकी हर बीमारी का इलाज, जानिये कैसे

लोग अक्सर घर पर रहते हुए तनाव में आ जाते हैं और नींद, आराम, सुकून को भूल जाते हैं। ये खास कर तनाव को दूर करने के लिए इस्तेमाल की जाती है।इस थैरेपी से व्यक्ति को सुकून और शांति मिलती है। शरीर से थकान चली जाती है और शरीर में ऊर्जा के प्रवाह होता है।

चिकित्सीय भाषा में कहें तो इस कलर थैरेपी को क्रोमोपैथी, क्रोमोथेरेपी के नाम से भी जाना जाता है। इस थेरेपी में इंसान के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्तर को बैलेंस किया जाता है।

– नीला एक शांत और ठंडा रंग इस्तेमाल तब किया जाता है जब पित्त और बुखार हो। इससे व्यक्ति को आराम मिलता है।

– बैंगनी रंग का इस्तेमाल करना ज्ञान को बढ़ाने का प्रयास करना है। बैंगनी रंग को दृढ़ता से सुंदरता,

-इसमें हरे रंग का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। तो उसकी मेंटल कंडीशन को सुधार देता है। यहां ये भी ध्यान देना होगा कि इसमें गहरे हरे का ही प्रयोग किया जाता है।